Gorakhpur News : रामगढ़ताल में बेबी फीडिंग रूम नहीं, स्टेशन पर लटक रहा ताला - News Summed Up

Gorakhpur News : रामगढ़ताल में बेबी फीडिंग रूम नहीं, स्टेशन पर लटक रहा ताला


गोरखपुर (ब्यूरो)।नगर निगम की ओर से सर्किट हाउस सबस्टेशन के सामने शौचालय के बगल में एक कमरा ब्रेस्ट फीडिंग के लिए बनाया जाना था, लेकिन हकीकत यह है कि शौचालय तो बना, लेकिन माताओं के लिए ब्रेस्ट फीडिंग का कमरा आज तक नहीं बन सका। जबकि रामगढ़ताल की सैर करने अधिकांश माताएं अपने बच्चों के साथ आती हैं। वहीं, रेलवे स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म के वेटिंग हाल स्थित शौचालय के बगल में माताओं के लिए बेबी फीडिंग का एक कमरा है, मगर उसमें भी ताला लटका रहता है। इसके चलते महिलाओं और बच्चों को असुविधा होती है।बेबी फीडिंग के लिए रूम नहींदैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम शनिवार दोपहर रामगढ़ताल स्थित सर्किट हाउस के सामने अत्याधुनिक शौचालय के पास पहुंची। जहां महिला, पुरुष और दिव्यांगों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। मगर हैरानी तब हुई जब इस शौचालय में बेबी फीडिंग के लिए एक भी कमरा नजर नहीं आया। इस संबंध में यहां मौजूद रमेश कुमार नामक व्यक्ति ने बताया, यहां पर सिर्फ शौचालय ही बना है। बेबी फीडिंग कक्ष कहीं भी नहीं है। जबकि रामगढ़ताल के सामने और नौकायन पर डेली हजारों लोग घूमने आते हैं।यह था दावानिगम प्रशासन की ओर से नौकायन के पास ब्रेस्ट फीडिंग कक्ष बनाने का दावा किया गया था, ताकि दुधमुहे बच्चे को भूख लगने पर दूध पिलाने के लिए मां को घर पहुंचने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कमरे में मां की सहूलियत के लिए यहां ब्रेस्ट फीडिंग चेयर भी लगाने की स्कीम थी, नौकायन पर शौचालय को छोड़कर बेबी फीडिंग कक्ष का कहीं भी पता नहीं है।रेलवे स्टेशन के बेबी फीडिंग कक्ष में तालादैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। वेटिंग हॉल में पैसेंजर ट्रेन कर इंतजार करते हुए दिखाई दिए। शौचालय के पास बेबी फीडिंग कक्ष नजर आया, जिसमें ताला लटकता मिला। शौचालय पर तैनात शत्रुघ्न नामक कर्मी ने बताया कि बेबी फीडिंग कक्ष में ताला इसलिए लगा रहता है कि कोई भी अंदर घुस कर यूरिनल का इस्तेमाल करता है। यहां जो भी महिलाएं ब्रेस्ट फीडिंग के लिए आती हैं उनके लिए ताला खोल दिया जाता है। बेबी फीडिंग रूम में महिलाओं के बैठने के लिए चेयर, मेज और पंखा लगा है।सार्वजनिक स्थानों पर बेबी फीडिंग कक्ष होना जरूरी है। क्योंकि भीड़भाड़ वाली जगहों पर मां अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कराने में परहेज करती है। इसलिए सभी जगहों पर इसकी जरूरत है।चंद्रकिरण सिंह, पैसेंजररेलवे और बस स्टेशन पर बेबी फीडिंग कक्ष तो है, लेकिन सुविधाएं नहीं हैं। अक्सर ताला लगा रहता है। सिटी के अन्य स्थानों पर भी ब्रेस्ट फीडिंग कक्ष की जरूरत है ताकि माताएं अपने बच्चे को आसानी से ब्रेस्ट फीडिंग करा सकें।अमृता रानी, पैसेंजरनौकायन के पास अत्याधुनिक शौचालय बना हुआ है। बेबी फीडिंग कक्ष बनाने की कवायद चल रही है। जल्द ही बनाया जाएगा।देवेंद्र सिंह, एक्सईएन नगर निगम


Source: Dainik Jagran May 07, 2023 02:05 UTC



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