- मृतक बीमित व्यक्ति के संदर्भ में कोविड रोग का पता चलने, जिससे मौत हुई हो, के ठीक पूर्ववर्ती एक साल के दौरान कम से कम 70 दिन का अशंदान होना चाहिए।- मृत इंश्योर्ड कर्मचारी कोविड19 की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की तारीख तक रोजगार में होना चाहिए।- कोविड19 से मरने वाले इंश्योर्ड कर्मचारी का कोविड19 रिपोर्ट पॉजिटिव आने की तारीख से कम से कम तीन महीने पहले से ईएसआईसी ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर होना जरूरी है।अगर मृत कर्मचारी के पीछे उसका जीवनसाथी, बच्चे या विधवा मां नहीं हैं तो आंशिक या पूरी तरह से निर्भर ये रिश्तेदार स्कीम के तहत पेमेंट प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे-कितनी धनराशि मिलेगीमृत इंश्योर्ड कर्मचारी के दैनिक औसत वेतन के 90 फीसदी के बराबर धनराशि उसके आश्रितों को दी जाएगी। इस 90 फीसदी को फुल रेट कहा जाएगा। अगर एक से ज्यादा आश्रित हैं तो राहत का बंटवारा ऐसे होगा-- जीवनसाथी को पूरी जिंदगी फुल रेट का थ्री-फिफ्थ मिलेगा। अगर दो या दो से ज्यादा विधवा हैं तो इसी अमाउंट को सब में बराबर बांट दिया जाएगा।- हर वैध या गोद लिए हुए बेटे को उसके 25 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक फुल रेट का टू-फिफ्थ मिलेगा। अगर बेटा रोगी/अशक्त है और मरने वाले पर पूरी तरह निर्भर था तो उसे रोग/अशक्तता खत्म होने तक राहत दी जाएगी।- हर वैध या गोद ली हुई अविवाहित बेटी को फुल रेट का टू-फिफ्थ मिलेगा। अगर बेटी रोगी/अशक्त है और मरने वाले पर पूरी तरह निर्भर थी तो उसे रोग/अशक्तता खत्म होने तक भुगतान किया जाएगा।- मृत कर्मचारी की विधवा मां को पूरी जिंदगी फुल रेट का टू-फिफ्थ मिलेगा।- सभी आश्रितों को कुल मिलाकर फुल रेट तक ही भुगतान किया जाएगा। अगर जीवनसाथी, बच्चों और विधवा मां को राहत का किया गया बंटवारा फुल रेट को क्रॉस कर जाता है तो आश्रितों को राहत के अमाउंट को घटा दिया जाएगा।
Source: Navbharat Times June 05, 2021 11:30 UTC