नॉन-कम्प्लीएंट बिजनस के लिए रिटर्न फाइल करने को लेकर सख्ती बरतने के क्रम में वित्त मंत्रालय ने उन सप्लायर्स का ई-वे बिल जनरेशन रोक देने का नियम पास किया है जिन लोगों ने लगातार दो कर अवधियों में जीएसटी रिटर्न नहीं भरा है। ऐसे में समय पर जीएसटी रिटर्न न भरने वाले लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।साल 2017 की जुलाई में भारत में जीएसटी कर प्रणाली को लागू कर दिया गया था। ऐसा लगातार देखा जा रहा था कि जबसे इसे लागू किया गया है तब से ही बहुत से व्यापारी रिटर्न फाइल करने में आनाकानी कर रहे हैं। इस तरह के तकरीबन 30 प्रतिशत व्यापारी GSTR-3B रिटर्न फॉर्म समय पर फाइल नहीं कर रहे है। एक रिपोर्ट के मुताबिक तकरीबन 98.4 लाख करदाताओं में से पिछले साल दिसंबर में 29 प्रतिशत टैक्सपेयर्स ने जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं किया है। ऐसे में सरकार ने करदाताओं के लिए नियमों सख्त बनाते हुए दो महीने लगातार रिटर्न फाइल न करने वाले व्यापारियों के ई-वे बिल जनरेशन पर रोक लगा दी है।गौरतलब है कि हर महीने की 20 तारीख को इसे फाइल करना होता है। बता दें कि ई-वे बिल उन सामानों के लिए जरूरी होता है जिनकी कीमत 50हजार रुपये से ज्यादा है। सामान को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए एक कॉमन पोर्टल से इसे जनरेट करना होता है। इसमें सप्लायर्स फॉर्म का पार्ट ए भरते हैं। वहीं फॉर्म का पार्ट बी ई-वे बिल ट्रांसपोर्टर को भरना होता है।
Source: Navbharat Times January 08, 2019 13:18 UTC