COVID-19 In Madhya Pradesh (Indore) Updates: Attack On Doctors During Sample Collection In Indore Tatpatti Bakhal, Video Goes Viral - News Summed Up

COVID-19 In Madhya Pradesh (Indore) Updates: Attack On Doctors During Sample Collection In Indore Tatpatti Bakhal, Video Goes Viral


इंदौर में कोरोना के 75 मामले सामने आ चुके हैं। बुधवार को टाटपट्टी बाखल में जांच के लिए गए मेडिकल स्टाफ पर लोगों ने हमला कर दिया।इंदौर में कोरोना के 75 मामले सामने आ चुके हैं। बुधवार को टाटपट्टी बाखल में जांच के लिए गए मेडिकल स्टाफ पर लोगों ने हमला कर दिया।महिला स्वास्थ्यकर्मी ने बताया- पॉजिटिव के काॅन्टेक्ट की हिस्ट्री मिलने पर उसे देखने गए थे, वहां उन पर पत्थर फेंके गए'हमारी टीम कुछ समझ पाती इसके पहले ही चेहरे पर रुमाल बांधकर कई लोग आ गए और चिल्लाते हुए पत्थर मारने लगे'शिवराज ने कहा- ऐसे लोग इंसान नहीं, इंसानियत के दुश्मन; इन्हें सख्त सजा देंगेदैनिक भास्कर Apr 02, 2020, 09:58 PM ISTइंदौर. अनिल गुप्ता. टाटपट्टी बाखल में बुधवार कोरोना संक्रमितों की जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया था। स्वास्थ्यकर्मी जान बचाकर भागे। उपद्रवियों ने बैरिकेड्स भी तोड़ दिए। पुलिस ने इनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज किया है। जांच टीम में दो महिला डॉक्टर भी शामिल थीं। हमला करने वालों पर अब राज्य सरकार रासुका के तहत कार्रवाई करेगी। शिवराज ने कहा कि ऐसा करने वाले लोग इंसान नहीं, इंसानियत के दुश्मन हैं। हम इन्हें सख्त सजा देंगे। दरअसल, सिलावटपुरा में एक कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार स्क्रीनिंग कर रही है। इसी दौरान यहां लोगों ने पथराव कर दिया था।स्वास्थ्य विभाग की एक महिलाकर्मी ने पुलिस को बताया कि बुधवार को एक पॉजिटिव के कॉन्टेक्ट की हिस्ट्री मिली थी। वे उसे देखने के लिए वहां गए थे। टीम ने जैसे ही उसके बारे में पूछना शुरू किया तो सामने से आए कुछ उपद्रवियों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। टीम कुछ समझ पाती इसके पहले ही चेहरे पर रुमाल बांधकर कई लोग आ गए और चिल्लाते हुए पत्थर मारने लगे। इससे बचने के लिए महिलाएं और पुरुष स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर अपनी कारों की तरफ भागे। पता चला है कि उनके साथ एक तहसीलदार भी मौजूद थे। उपद्रवी पथराव करते हुए गली से मेनरोड की तरफ भागे। स्वास्थ्यकर्मी कार से सीधे थाने की तरफ भागे।निगम कर्मचारी पर भी किया पथरावनिगम के एक कर्मचारी कुलदीप का कहना है कि रविदासपुरा में कोने पर पानी भरा था, इसलिए उनकी टीम वहां काम कर रही थी। तभी पत्थरबाजी हुई। उन पर भी हमला हुआ तो वे लोग भाग निकले।एसएसपी राजेश व्यास का कहना है कि टाटपट्टी बाखल में स्वास्थ विभाग की टीम आई थी। उनके साथ जवान भी मौजूद था। एक बुजुर्ग महिला को इलाज के लिए ले जाना था। तभी कुछ लोगों ने विरोध किया। बैरिकेड्स तोड़े और पथराव भी किया गया है। इस पर पुलिस अलग से संज्ञान ले रही है।क्वारैंटाइन से चेतावनी देने वाले परिवार के 3 लोग पॉजिटिवपरिवार के 3 सदस्य कोरोना पॉजिटिव निकले हैं।क्वारैंटाइन करने के नाम पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर परेशान करने का आरोप लगाने वाले परिवार के 3 सदस्य कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। मंगलवार रात आई रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई। इन लोगों ने मंगलवार को दिन में एक वीडियो जारी कर ये आरोप लगाए थे और कहा था कि उनके परिवार में सब स्वस्थ हैं और जरूरत पड़ने पर 100-100 डिप्स भी लगा सकते हैं।राहत इंदौरी ने कहा- इंसानियत पर रहम खाइए, डॉक्टर की मदद कीजिएमशहूर शायर, राहत इंदौरी ने कहा, 'कल रात 12 बजे तक मैं दोस्तों से फोन पर पूछता रहा कि वह घर किसका है, जहां डॉक्टरों पर थूका गया है, ताकि मैं उनके पैर पकड़कर माथा रगड़कर उनसे कहूं कि खुद पर, अपनी बिरादरी, अपने मुल्क व इंसानियत पर रहम खाएं। यह सियासी झगड़ा नहीं, बल्कि आसमानी कहर है, जिसका मुकाबला हम मिलकर नहीं करेंगे तो हार जाएंगे। ज्यादा अफसोस मुझे इसलिए हो रहा है कि रानीपुरा मेरा अजीज मोहल्ला है। 'अलिफ' से 'ये' तक मैंने वहीं सीखा है। उस्ताद के साथ मेरी बैठकें वहीं हुईं। मैं बुजुर्गों ही नहीं, बच्चों के आगे भी दामन फैलाकर भीख मांग रहा हूं कि दुनिया पर रहम करें। डॉक्टरों का सहयोग करें। इस आसमानी बला को फसाद का नाम न दें। इंसानी बिरादरी खत्म हो जाएगी। जिंदगी अल्लाह की दी हुई सबसे कीमती नेमत है। इस तरह कुल्लियों में, गालियों में, मवालियों की तरह इसे गुजारेंगे तो तारीख और खासकर इंदौर की तारीख जहां सिर्फ मोहब्बतों की फसलें उपजी हैं, वह तुम्हें कभी माफ नहीं करेगी।रासुका के तहत 12 महीने जेल में रखा जा सकता हैराष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका के तहत केंद्र और राज्य सरकार किसी भी किसी ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है, जो कानून-व्यवस्था में बाधा बन रहा हो। उसे 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। हिरासत में लिया गया शख्स उच्च न्यायालय के सलाहकार बोर्ड के सामने अपील कर सकता है, लेकिन उसे मुकदमे के दौरान वकील की अनुमति नहीं है। 23 सितंबर, 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान रासुका बनाया गया था।


Source: Dainik Bhaskar April 02, 2020 02:40 UTC



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