Business News: सरकार रायल्टी भुगतान पर प्रतिबंध फिर से लगाने पर कर रही विचार - government is considering reimposing ban on royalty payments - News Summed Up

Business News: सरकार रायल्टी भुगतान पर प्रतिबंध फिर से लगाने पर कर रही विचार - government is considering reimposing ban on royalty payments


डिसक्लेमर : यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है। इसे नवभारतटाइम्स.कॉम की टीम ने एडिट नहीं किया है।नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) सरकार प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिये रायल्टी भुगतान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू करने पर विचार कर रही है। विदेशी कंपनियों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर किये जा रहे अत्यधिक भुगतान को देखते हुये यह कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों ने यह कहा है। सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में शीघ्र ही एक प्रस्ताव उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा अंतर- मंत्रालयी विचार विमर्श के लिये जारी किया जायेगा। प्रस्ताव के मुताबिक भारतीय कंपनी द्वारा विदेशी कंपनियों के साथ सीधे अथवा अप्रत्यक्ष तरीके से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिये किये गये गठबंधन के मामले में रायल्टी भुगतान की सीमा तय की जा सकती है। विभाग ने पिछले साल भी इस तरह का एक प्रस्ताव तैयार किया था। तब यह प्रस्ताव किया गया था कि पहले चार साल के दौरान कंपनियों के लिये उनकी घरेलू बिक्री का चार प्रतिशत और निर्यात कारोबार का सात प्रतिशत तक रायल्टी भुगतान की सीमा तय की जानी चाहिये। इसके बाद अगले तीन साल के लिये स्थानीय बिक्री पर तीन प्रतिशत और निर्यात पर छह प्रतिशत रायल्टी भुगतान सीमा होनी चाहिये। हालांकि, तब वित्त मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताते हुये कहा कि इस प्रस्ताव के लागू होने से विदेशी निवेशकों के बीच नकारात्मक संकेत जायेगा। सरकार के 2009 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति को उदार बनाये जाने के बाद रायल्टी भुगतान प्रवाह तेज हुआ है। एफडीआई नीति में भुगतान की सीमा को हटा लिया गया और भारतीय कंपनियों को उनके तकनीकी गठबंधन मामले में सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना रायल्टी भुगतान की अनुमति दे दी गई। विदेशी कंपनियों के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का समझौता होने पर उन्हें रायल्टी का भुगतान किया जाता है। उनके ब्रांड अथवा ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने पर भी रायल्टी का भुगतान किया जाता है। सरकार की 2009 की एफडीआई नीति से पहले रायल्टी भुगतान का सरकार द्वारा नियमन किया जाता रहा है। तब प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के मामले में रायल्टी भुगतान को निर्यात का आठ प्रतिशत और घरेलू बिक्री का पांच प्रतिशत पर सीमित रखा गया। वहीं ट्रेडमार्क और ब्रांड नाम के इस्तेमाल पर निर्यात मामले में दो प्रतिशत और घरेलू बिक्री पर एक प्रतिशत रायल्टी का प्रावधान था। वाहन कंपनी मारुति सुजूकी अपने शुद्ध बिक्री का औसतन 5.5 प्रतिशत रायल्टी अपनी मूल कंपनी सुजूकी को देती है।


Source: Navbharat Times November 17, 2019 16:18 UTC



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