मोतीनगर स्थित कॉल सेंटर से कनाडा में कारोबार करने वाले को दी जाती थी धमकीअब तक 500 लोगों को अपना शिकार बना चुके थे आरोपित, फरार कॉल सेंटर की तलाश में जुटी पुलिसपुलिस और दूरसंचार विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से मारा छापा जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : प्रवासी भारतीयों को धमकी देकर ठगी करने वाले गिरोह का पश्चिमी जिला पुलिस की साइबर सेल ने पर्दाफाश किया है। मोती नगर में गैर कानूनी तरीके से संचालित हो रहे कॉल सेंटर के माध्यम से कनाडा में कारोबार करने वाले नागरिकों को अपना शिकार बनाते थे। पुलिस ने यहां से 32 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये अब तक 500 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई कनाडा के नागरिक एल्विस हेनरी की शिकायत पर की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के अलावा दूरसंचार विभाग भी इस मामले की तहकीकात कर रहा है। पुलिस फरार कॉल सेंटर संचालक की तलाश कर रही है।पश्चिमी जिला पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में अवैध कॉल सेंटर से ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। यह कॉल सेंटर कनाडा के नागरिकों के अलावा प्रवासी भारतीयों को निशाने पर ले रहा है। कॉल सेंटर के काम करने का तरीका बेहद आधुनिक था। ये लोग अंतरराष्ट्रीय कॉल के लिए अवैध तकनीक का प्रयोग करते थे, इससे दूरसंचार कंपनियों को नुकसान पहुंचाते थे। पुलिस टीम ने भारत सरकार के दूरसंचार विभाग को जानकारी दी और साइबर सेल की टीम ने जांच शुरू की। शनिवार रात पुलिस और दूरसंचार विभाग की टीम ने डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्र मोती नगर स्थित कॉल सेंटर में छापा मारा। उस समय कॉल सेंटर में तीन फ्लोर मैनेजर सहित 32 लोग काम कर रहे थे। पुलिस टीम ने लोगों से दस्तावेज मांगे और पूछताछ की। इस दौरान पता चला कि यह फर्जी कॉल सेंटर है। पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने पुलिस को बताया कि वे कनाडा पुलिस अधिकारी बनकर वहां के लोगों को फोन करते थे। वह कनाडा मूल के लोगों से कहते थे कि उनका सिन नंबर (कनाडा में कामकाज करने के लिए सरकार द्वारा जारी किया नौ अंकों का नंबर) आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया गया है। इस कारण सरकार आपके बैंक खाते में जमा पैसे को जब्त कर सकती है। आरोपित खुद को कनाडा पुलिस का अधिकारी बताते थे और पीड़ितों को जांच का सामना करने की बात कहकर डराते थे। डराने के बाद आरोपित समझौता करने की बात कहकर पीड़ितों को अपने फोन पर कॉल करने को कहते थे। पीड़ित जब आरोपितों को फोन करता था तो वह उन्हें समझौता करने की बात कह उनके खाते में जमा पैसा बिटकॉइन या एप से ले लेते थे। आरोपित इस एप को कनाडा सरकार का आधिकारिक एप बताते थे। पैसा आने के बाद वह पीड़ित से बात करना बंद कर देते थे। पुलिस के अनुसार, किसी को शक न हो, इसके लिए कॉल सेंटर से जब ये किसी को कॉल करते थे तो उसके फोन पर कनाडा का नंबर दिखता था, इससे पीड़ित को लगता था कि कॉल कनाडा से ही आ रही है।Posted By: Jagranअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
Source: Dainik Jagran November 17, 2019 15:56 UTC