Business News: बीते सप्ताह आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि के बावजूद तेल के भाव दबाव में - oil price under pressure despite increase in import duty price last week - News Summed Up

Business News: बीते सप्ताह आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि के बावजूद तेल के भाव दबाव में - oil price under pressure despite increase in import duty price last week


डिसक्लेमर : यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है। इसे नवभारतटाइम्स.कॉम की टीम ने एडिट नहीं किया है।नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) बीते सप्ताह पाम तेल, सोयाबीन डीगम, सीपीओ सहित विभिन्न खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि किये जाने के बावजूद दिल्ली तेल तिलहन बाजार में मूंगफली और सोयाबीन सहित कुछेक खाद्य तेल कीमतों में हानि का रुख रहा। वहीं बाजार में कम आवक के कारण सरसों सहित कुछ अन्य खाद्य तेल कीमतों में सुधार आया। मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज में सुधार के कारण यहां पामोलीन और कच्चा पामतेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ। कारोबारियों का कहना है कि खाद्य तेलों का आयात शुल्क मूल्य बढ़ाये जाने के बावजूद बाजार में कमजोर मांग में नरमी बनी रही। बाजार सूत्रों के अनुसार सरकार ने शुक्रवार को पामोलीन तेल पर आयात शुल्क मूल्य 583 से बढ़ाकर 661 डालर प्रति टन और कच्चे पॉम तेल का 560 से बढ़ाकर 613 डालर प्रति टन कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप कच्चा पॉम तेल का आयात शुल्क मूल्य 16.79 रुपये प्रति दस किलो और पामोलिन तेल का 29.70 रुपये प्रति दस किलो बढ़ गया है। इसी प्रकार कच्चे सोयाबीन डीगम का आयात शुल्क मूल्य भी 743 से बढ़कर 761 डालर प्रति टन किये जाने से इसका आयात 4.99 रुपये प्रति दस किलो महंगा हो गया है। बावजूद इसके बाजार में नरमी का रुख बना हुआ है। बाजार में अभी भी सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली तेल के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 100 रुपये से 800 रुपये के दायरे में कम चल रहे हैं। सरकार ने रबी मौसम की सरसों फसल के लिये 4,425 रुपये क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया है। उधर, वाणिज्य मंत्रालय ने कृषि मंत्रालय से तिलहन की शून्य आयात योजना की दिशा में काम करने का अनुरोध किया है। सूत्रों कहा कि देश में तेल मिलें अपनी क्षमता के अनुरूप काम नहीं कर पा रही हैं। कई तेल मिलों को अपना कामकाज बंद करना पड़ा है। इसके अलावा सरसों जैसी फसल के कम उत्पादन से देश में पशुचारा और पॉल्ट्री खाद्य वस्तुओं की किल्लत हो सकती है जिससे अंडे, दूध, चिकन महंगे हो सकते हैं। बाजार में सरसों के भाव पर दबाव है और दाम कम होने से किसान इसे बेचने से कतरा रहे हैं। समीक्षाधीन सप्ताह में सरसों दाना (तिलहन फसल) और सरसों दादरी के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले क्रमश: पांच रुपये और 40 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 4,110-4,135 रुपये और 8,400 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। सरसों पक्की घानी और सरसों कच्ची घानी के भाव भी पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 15-15 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 1,225-1,555 रुपये और 1,445-1,595 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए। वनस्पति घी का भाव जहां 20 रुपये का सुधार प्रदर्शित करता 955-1,250 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ, वहीं तिल मिल डिलिवरी का भाव 10,000-15,500 रुपये प्रति क्विन्टल पर अपरिवर्तित रुख के साथ बंद हुआ। मूंगफली दाना (तिलहन) के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 30 रुपये की हानि दर्शाता 4,170-4,290 रुपये क्विन्टल रह गया, वहीं मूंगफली मिल डिलिवरी गुजरात तेल का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 335 रुपये की बड़ी गिरावट को दर्शाता 9,650 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 20 रुपये की हानि के साथ समीक्षाधीन सप्ताहांत में 1,735-1,780 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि के बावजूद स्थानीय मंडी में सोयाबीन अपने समर्थन मूल्य से कम कीमत पर बिक रहा है। सोयाबीन मिल डिलिवरी दिल्ली और सोयाबीन इंदौर की कीमतें पिछले सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले क्रमश: 70 -70 रुपये की गिरावट दर्शाता क्रमश: 8,480 रुपये और 8,330 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ जबकि सोयाबीन डीगम का भाव पिछले सप्ताहांत के बंद स्तर 7,500 रुपये प्रति क्विन्टल पर पूर्ववत बना रहा। तिलहन फसल सोयाबीन दाना के भाव भी 50 रुपये की हानि प्रदर्शित करता 3,900-3,950 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। स्थानीय लिवाली के कारण सीपीओ एक्स कांडला के भाव 150 रुपये के सुधार के साथ 6,400 रुपये क्विन्टल हो गया वहीं और बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) तेल का भाव पूर्व सप्ताहांत के बंद स्तर के मुकाबले 70 रुपये की हानि के साथ 7,530 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ। आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि के बावजूद मलेशिया एक्सचेंज में तेजी के कारण पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला के भाव पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले क्रमश: 150 रुपये और 70 रुपये की तेजी के साथ समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 7,700 रुपये और 7,000 रुपये क्विंटल पर बंद हुए।


Source: Navbharat Times November 17, 2019 05:15 UTC



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