Hilal Ahmad Mantoo, PhD student from Kashmir studying in Punjab was arrested last week in connection with car bomb… https://t.co/n5glGroYsU — ANI (@ANI) 1556557284000#WATCH Confession of the accused in the car blast in Banihal, Ramban, after his arrest, today. #JammuAndKashmir https://t.co/H2ABl6oj8o — ANI (@ANI) 1554136255000जम्मू-कश्मीर के बनिहाल में बीते महीने 30 मार्च को सीआरपीएफ के काफिले पर हुई हमले की साजिश का पर्दाफाश करते हुए राज्य पुलिस ने सोमवार को एक पीएचडी स्कॉलर समेत 6 आतंकियों को गिरफ्तार होने की जानकारी दी है। जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर बनिहाल के पास हुई घटना के बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद इन सभी को एनआईए को सौंपने की तैयारी की जा रही है।सोमवार को इन गिरफ्तारियों की जानकारी देते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी एमके सिन्हा ने कहा कि बनिहाल में सीआरपीएफ काफिले पर हमले की साजिश हिज्बुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने रची थी और इसका कमांडर पाकिस्तानी आतंकी मुन्ना बिहारी था। पुलिस ने बताया कि इस मामले में सुरक्षाबलों ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी की स्टूडेंट विंग जमात-ए-तलाबा का एक सदस्य भी है। यह सदस्य एक पीएचडी रिसर्च स्कॉलर है, जिसे पांच अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया है और सभी से कड़ी पूछताछ की जा रही है। आईजी ने बताया कि गिरफ्तार रिसर्च स्कॉलर का नाम हिलाल अहमद मंटू है और वह कश्मीर का रहने वाला है।आईजी एमके सिन्हा ने कहा कि शुरुआती जांच में सभी ने कश्मीर में आतंक के लिए काम करने और स्थानीय युवाओं को जिहाद के नाम पर भड़काने की साजिश में शामिल होने की बात स्वीकारी है। आईजी ने कहा कि मंगलवार को इस मामले को आगे की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को सौंपा जा रहा है।बता दें कि शनिवार 30 मार्च को सुबह सवा दस बजे विस्फोटकों से लदी एक सैंट्रो कार श्रीनगर से जम्मू की ओर जा रही थी। इस कार में बनिहाल के पास एक ब्लास्ट हुआ था, जिसके कारण कुछ जवानों को मामूली चोट आई थी। हालांकि सीआरपीएफ की एक बस को भारी नुकसान हुआ था। वारदात के बाद से ही इसे पुलवामा हमले जैसी किसी आतंकी साजिश की तरह ही देखा जा रहा था और एजेंसियों के अधिकारी इसकी गहन जांच कर रहे थे। वारदात के बाद पुलिस ने शोपियां के निवासी एक युवक को गिरफ्तार किया था, जिसने कार में विस्फोट करने और इसके लिए हैंडलर्स से निर्देश मिलने की बात स्वीकार की थी।डीजीपी दिलबाग सिंह के अनुसार, जिस कार में ब्लास्ट हुआ था उसके ड्राइवर ने गिरफ्तार होने के बाद अपने टेरर कनेक्शन की बात स्वीकार की थी। पुलिस की शुरुआती पूछताछ में ही आरोपी ने यह कहा था कि हैंडलर्स ने फोन पर उसे काफिले के पास एक बटन दबाने के निर्देश दिए थे और वह अकेले ही कार चला रहा था। आरोपी ने यह भी बताया कि वह कार में ब्लास्ट करने के बाद वहां से भाग गया था और हैंडलर्स ने उसे काफिले को उड़ाने के ही निर्देश दिए थे। बता दें कि इस वारदात से पहले 14 फरवरी को आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे।
Source: Navbharat Times April 29, 2019 16:39 UTC