मोदी राज में पति-पत्नि दोनों की सालाना आय में 40 प्रतिशत की आई कमीराहुल-सोनिया समेत कई कांग्रेस नेताओं से ज्यादा है संपत्तिसंपत्ति का 80 प्रतिशत हिस्सा विरासत में मिला, सभी संपत्तियां राघौगढ़ कींविरासत में मिली वस्तुओं के बाद सोना सिर्फ 100 ग्राम, राजसी शौक की वस्तुएं पास में नहीं हैंकुलदीप सिंगोरिया. नई दिल्लीमध्यप्रदेश के दस साल तक मुख्यमंत्री रहे और राघौगढ़ के राजा कहलाने वाले दिग्विजय सिंह के पास खुद की चल अचल संपत्ति महज 3 करोड़ 8 लाख रुपए ही है। हालांकि विरासत में मिली संपत्ति व पत्नी की संपत्ति जोड़ने पर यह आंकड़ा 38 करोड़ रुपए पर पहुंच जाता है। उनकी यह संपत्ति भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व उनकी पत्नी की कुल संपत्ति से कम है। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं से दिग्विजय की कुल संपत्ति ज्यादा है। संपत्ति के मामले में मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के यूपी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने दिग्विजय कहीं नहीं ठहरते।नामांकन में पहली बार संपत्ति का खुलासा हुआदिग्विजय ने वर्ष 2003 के बाद से अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा था। इसलिए उनकी संपत्ति का खुलासा नहीं हो पाया था। शनिवार को भोपाल कलेक्टर ऑफिस में दाखिल किए गए नामांकन पत्र में संपत्ति को पूरा ब्यौरा दिया है। हलफनामे में दिग्विजय ने चार पेन कार्ड का उल्लेख किया है। इसमें एक खुद का, दूसरा पत्नी का, तीसरा हिंदु अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूफ)के तहत पिता राजा बलभद्र सिंह व खुद के नाम वाला एचयूफ का पेन कार्ड है। दिग्विजय को कुल संपत्ति का 80 प्रतिशत हिस्सा विरासत में मिला है। उनके पास 150 एकड़ से ज्यादा जमीन, किला, दुकानें आदि की स्थाई संपत्ति है। सारी संपत्तियां राघौगढ़ की है। दिग्विजय ने खुद से सिर्फ दिल्ली में एक फ्लैट लिया है। पत्नी अमृता के पास भी गाजियाबाद के इंद्रापुरम में फ्लैट है।साध्वी से है मुकाबला, तिरुपति में हैं सिक्केभोपाल में दिग्विजय का मुकाबला मालेगांव बम विस्फोट व संघ प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में आरोपी रही भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से है। दिग्विजय ने इन घटनाओं के बाद भगवा आतंकवाद शब्द ईजाद किया था। अब भोपाल में चुनाव पूरी तरह से हिंदुत्व बनाम तुष्टिकरण पर हो गया है। हालांकि दिग्विजय अपने आपको हिंदु साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उनके शपथ पत्र में भी तिरुपति बालाजी में 40 ग्राम के सिक्के होने का उल्लेख है।बंदूक तक नहीं, विरासत में मिली 1937 की जीप और जनरेटरदिग्विजय सिंह ठाकुर होने के साथ ही राघोगढ़ किले के मालिक भी हैं। फिर भी उनके या परिवार के पास एक अदद बंदूक तक नहीं है। दिग्विजय के पास खुद की कोई कार नहीं है। उनके पिता की वर्ष 1937 में खरीदी गई फोर्ड की जीप जरूर है। हालांकि उनके पत्नी के पास करोला ऑटिस कार है। दिलचस्प बात यह है कि अपने शासनकाल में बिजली गुल की समस्या से दो-चार होने वाले दिग्विजय को विरासत में एक टैक्टर और जनरेटर भी मिला है।पत्नी अमृता को भी नहीं है गहनों का शौकदिग्विजय की पत्नी अमृता का भी कोई राजसी शौक नहीं है। उनके पास भी कीमतीं वस्तुएं नहीं है। अमृता के पास 425 ग्राम सोना और 6 लाख 29 हजार रुपए के गहने हैं। सबसे खास बात यह है कि दिग्विजय पर 18 लाख रुपए का कर्ज भी है जो कि उन्होंने अपने मित्र नरेंद्र लाहोटी और अपने ही दूसरे अकाउंट से लिए हैं। अमृता ने पंकज मित्तल से पांच लाख का कर्ज लिया है। मोदी राज के दौरान दोनों की सालाना आय में 40 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2013-14 में दिग्विजय 8.92 लाख और अमृता 9.95 लाख रुपए कमाते थे जो कि वर्ष 2017-18 में घटकर क्रमश: 6.57 लाख व 6.96 लाख रुपए रह गई।आयकर विभाग के केस पर दिग्विजय ने लिया स्टेदिग्विजय ने बताया कि उन्हें विधायक पेंशन, सांसद पेंशन, किराया व कृषि आदि से आय होती है। उनकी पत्नी को पत्रकारिता के पेशे व किराए से आय होती है। जबकि मुख्य आय विरासत से मिली संपत्ति से होती है। वहीं आयकर विभाग और दिग्विजय के बीच 18 लाख रुपए का विवाद भी है। दिग्विजय ने इस केस में स्टे ले रखा है।यह भी पढ़ें : दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति के साम्राज्य का राज, इंसानी दिमाग की बजाय करते हैं आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स का इस्तेमाल
Source: Dainik Bhaskar April 20, 2019 14:12 UTC