सत्ता केवल दलालों को खरीद सकती है, पत्रकारों को नहीं, NDTV बिका लेकिन रवीश कुमार नहीं – Khabar 24 Express India's Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in H - News Summed Up

सत्ता केवल दलालों को खरीद सकती है, पत्रकारों को नहीं, NDTV बिका लेकिन रवीश कुमार नहीं – Khabar 24 Express India's Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in H


सत्ता केवल दलालों को खरीद सकती है, पत्रकारों को नहीं, NDTV बिका लेकिन रवीश कुमार नहींNDTV पूरी तरह से #Adani के कब्जे में आ गया है। ऐसे में #RavishKumar ने NDTV से इस्तीफा दे दिया। लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अंधभक्त प्रजाति के लिए यह दिवाली तो बहुत से लोगों के लिए बड़ा आघात है। वहीं कुछ कह रहे हैं कोई नहीं सरकार सारे न्यूज चैनल खरीद ले, सोशल मीडिया तो है न.. तो मैं आपको बता दूं #SocialMedia है नहीं… था। फेसबुक पर अश्लील सामग्री की शिकायत करते हैं तो #Facebook उसे डिलीट नहीं करता है लेकिन जैसे ही आप सत्ता या #Modi के खिलाफ कुछ भी लिखने जाते हैं तो आपके पोस्ट की या तो रीच घटा दी जाती है या फिर पोस्ट डिलीट कर दी जाती है।अब तो यूट्यूब का भी हाल ऐसा ही है #Youtube पर भी पूरी तरह सेंसरशिप लगा दी गई है। इसका एक उदाहरण तस्वीर के जरिये दिया भी जा रहा है। यूट्यूब ने एक ऐसी पोस्ट को डिलीट कर दिया जिसमें न तो हथियार दिखे और न कुछ गलत दिखा, बस एक पोस्टर दिखाया गया लेकिन यूट्यूब ने उसे डिलीट कर दिया। इस पोस्टर को कांग्रेस ने राजस्थान में लगाया था जिसमें कन्हैया के हत्यारों का बाजेपी से कनेक्शन दिखाया गया था। हत्यारों के बीजेपी के नेताओं के साथ फोटो थे लेकिन यूट्यूब को यह रास नहीं आया और 1 मिनट से भी कम के कंटेंट को हटा दिया गया।यह पहली बार नहीं है जब यूट्यूब ने ऐसा किया कई लोगों के तो यूट्यूब ने चैनल ही ब्लॉक कर दिए और कई सरकार ने बंद करवा दिए।बीजेपी आईटी सेल जितनी मजबूत है उतना आज के वक़्त में कोई मजबूत नहीं है। लोगों की आवाज को कैसे दबाना है सरकार भलीभांति जानती है।अब आप कहेंगे कि सरकार के पास पैसा है पवार है तो हमारे पास वोट का अधिकार है…। वोट!! हाहाहा, आपका वोट महज एक कागज का टुकड़ा भर है, इसके अलावा कुछ भी नहीं। जो सरकार चाहेगी वैसा होगा। जब लोगों के दिमाग पर कब्जा किया जा सकता है तो कुछ भी किया जा सकता है।अगर जिंदा रहना है तो चुप रहिए कुछ मत बोलिए बोलेंगे तो किसी ट्रेक पर पड़े मिलेंगे या फिर बोलने लायक नहीं बचेंगे।आप खुद सोचिए एक पत्रकार के लिए पूरे चैनल को खरीद लिया गया हो लेकिन फिर भी पत्रकार सरकार के हाथ नहीं लगा। इसे ईमान कहिएगा या पत्रकारिता के प्रति समर्पण। आप जो नाम देना चाहें वो आप दे सकते हैं क्योंकि आप स्वतंत्र हैं लेकिन पत्रकारिता स्वतंत्र नहीं रही, उसका मुख्य कारण है कि दलाल रूपी पत्रकार या यूं कहें पत्रकार रूपी दलाल सत्ता के हाथों बिक जाते हैं। जिसकी सत्ता उसकी गुलामी… यही वजह है कि भारतीय मीडिया का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। मीडिया गुलामी की जिंदगी जी रहा है। चौथा स्तंभ यानि लोगों की आवाज, जनता की आवाज। सत्ता से सवाल करने वाला विपक्ष, आलोचक। और यही वजह है कि सरकार की आंखों में मीडिया एक किरकिरी बन रही थी। बॉस को यही खत्म करना था।रवीश ने अंत में कहा भी है “सेठ के पास बहुत पैसा है लेकिन मैं नहीं हूँ।”एक खबर यह भी है जो आपको दिखाई नहीं गई…। भारतीय जनता पार्टी के पास इस साल 93% चंदा आया बाकी के हिस्से में 7%, यानी चंदा देने वाले 93% लोगों ने बीजेपी को चुना और 7% ने बाकी पार्टियों को चंदा दिया। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश की ओर जा रहा है। जिस देश में विपक्ष ही बर्बाद कर दिया जाए, सवाल करने पर बैन लगा दिया जाए तो आप ऐसे देश के राजा को क्या कहेंगे वो राजा जिसने 8 सालों में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की…।जय श्री रामManish Kumar Ankur


Source: NDTV December 01, 2022 08:16 UTC



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