शिक्षा ने भरी उड़ान, जिले की बनी पहचान - News Summed Up

शिक्षा ने भरी उड़ान, जिले की बनी पहचान


समस्तीपुर । सनसनाती ठंड, कंपाने वाली बर्फीली पछिया हवा। लेकिन, इन सबके बीच दूर-दराज के इलाकों से शहर आते बच्चे। गांवों की पगडंडियों से लेकर सड़कों तक। आंखों में कल के सपने। भविष्य का निर्माण करने कुछ साइकिल से तो कुछ ऑटो रिक्शे में। यह ललक है, कुछ करने की, आगे बढ़ने की। कोई साइंस पढ़ रहा तो कोई कॉमर्स। किसी को डॉक्टर बनना है तो किसी को इंजीनियर। कोई सफल बिजनेसमैन बनना चाहता, इसलिए कॉमर्स पढ़ रहा। अभी ज्यादा दिन पहले की बात नहीं है, कुछ दिन पहले तक यहां के बच्चे मुजफ्फरपुर या पटना की रुख करते थे। लेकिन, हाल के वर्षों में एक से बढ़कर एक शिक्षण संस्थान स्थापित हुए हैं, जिनसे बेहतर शिक्षा की राह खुली है। अब ये बच्चे यहीं रहकर बेहतर भविष्य बना रहे। यह सब कहने-सुनने का नहीं, बल्कि परीक्षा परिणामों में झलकता है।-------------------मेडिकल कॉलेज खुलने से कमी हो जाएगी पूरीसमस्तीपुर में लंबे समय से मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की मांग की जा रही थी। अब यह कमी भी पूरी हो जाएगी। सरायरंजन के नरघोघी में इसका काम शुरू कर दिया गया है। इसी साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शिलान्यास सह निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। इसे बनाने का लक्ष्य तीन साल रखा गया है। इसकी स्थापना के बाद मेडिकल की पढ़ाई के लिए यहां के छात्रों को कहीं और जाने की जरूरत नहीं होगी।-------------------प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षण संस्थान स्थापितशहर से लेकर प्रखंडों तक में शिक्षण संस्थान स्थापित हुए हैं। निजी स्कूलों की भी संख्या बढ़ी है। इसरकारी स्कूलों में भी पहले जैसा हाल नहीं रहा। नियमित निगरानी से पढ़ाई-लिखाई की गुणवत्ता में भी इजाफा हुआ है। कुछ स्कूलों में संसाधनों की कमी है, उसे पूरा करने की दिशा में काम चल रहा है। उच्चस्तरीय शिक्षा को लेकर भी चिता की जा रही। कॉलेजों में विषयगत पढ़ाई के साथ व्यावसायिक शिक्षण की ओर भी ध्यान दिया जा रहा।----------------इनसेट31एसएएम24शिक्षा अनुसंधान एवं प्रसार में कृषि विवि की बढ़ी ख्यातिपूसा, संस : डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के लिए बीते वर्ष शिक्षा अनुसंधान एवं प्रसार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर रहा। वहीं, नए वर्ष की भी कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई गई हैं। नई योजनाओं से किसानों के साथ साथ विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं और वैज्ञानिकों अधिकारियों व कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव बताते हैं कि बीते वर्ष विश्वविद्यालय द्वारा कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के लिए भवन बनकर तैयार किए गए चार रिसर्च सेंटर खोले गए हैं। वहीं, छात्रों की संख्या 1450 की गई। इसके साथ-साथ विश्वविद्यालय के 50 बेड के अस्पताल भी दो-तीन महीनों में बनकर तैयार हो जाएंगे। कैंपस पब्लिक स्कूल के पास एक पार्क भी बनाया गया है। बांस प्रसंस्करण केंद्र खोले गए। जिम का भी उद्घाटन किया गया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि बैद्यनाथ धाम व बाबा गरीबनाथ मंदिर में बाबा भोलेनाथ पर चढ़ने वाले बेलपत्र फूल से जैविक खाद बनाई जा रही है। कुलपति ने कहा कि हमारे कई नए अनुसंधान भवन भी बनकर तैयार हो गए हैं। आनेवाले वर्ष में किसानों के लिए नई तकनीक देने का कार्य विश्वविद्यालय करेगा, ताकि जलवायु परिवर्तन से होनेवाले नुकसान से किसान को हानि नहीं पहुंच पाए। विश्वविद्यालय के विकास के लिए हम सभी अधिकारियों, पदाधिकारियों व कर्मचारियों का सहयोग अनिवार्य है।Posted By: Jagranडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस


Source: Dainik Jagran December 31, 2019 18:33 UTC



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