शाहीन बाग में प्रदर्शन के बारे में केरल के राज्यपाल बोले, अपना विचार थोपना भी है आतंकवाद - News Summed Up

शाहीन बाग में प्रदर्शन के बारे में केरल के राज्यपाल बोले, अपना विचार थोपना भी है आतंकवाद


शाहीन बाग में प्रदर्शन के बारे में केरल के राज्यपाल बोले, अपना विचार थोपना भी है आतंकवादनई दिल्ली, प्रेट्र। शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि आम जीवन में व्यवधान उत्पन्न कर अपना विचार दूसरों पर थोप देना भी आतंकवाद का एक रूप है।कई रूपों में सामने आती है आक्रामकताभारतीय छात्र संसद में खान ने कहा, 'आक्रामकता केवल हिंसा से सामने नहीं आती है। यह कई रूपों में सामने आती है। यदि आप मेरी नहीं सुनोगे तो मैं सामान्य जीवन बाधित कर दूंगा। असहमति लोकतंत्र का मूल तत्व है। इसे लेकर कोई समस्या नहीं है, लेकिन विज्ञान भवन के बाहर पांच लोग धरना देने लगें और कहें कि जब तक यह छात्र संसद उनकी मर्जी का प्रस्ताव पारित नहीं करती तब तक वे नहीं हटेंगे तो वह आतंकवाद का एक दूसरा रूप है।'संसद ने पिछले साल दिसंबर में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पारित कर दिया है तभी से देश भर में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कानून और राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में शाहीन बाग उनमें शामिल है।अभिव्यक्ति के नाम पर अपना विचार दूसरों पर नहीं थोपेंसीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों से संविधान की प्रस्तावना पढ़ने की ओर इशारा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि खुशी है कि लोग संविधान की प्रस्तावना पढ़ने लगे हैं। चीजों का घालमेल नहीं करें। अभिव्यक्ति के नाम पर अपना विचार दूसरों पर नहीं थोपें।जम्‍मू कश्‍मीर में हो गया था आतंकवाद के भूतों का वासउन्‍होंने आगे कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को निरस्त करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अनुच्‍छेद 370 में कुछ भी नहीं बचा है। बस इसके बारे में थोड़ा पढ़ें।लेकिन जब घर खाली होता है, वहां कोई जिंदा नहीं रह सकता है। ऐसे घर में बहुत भूतों का वास होता है। इस तरह से आतंकवाद का भूत सामने आया है। केरल के राज्‍यपाल ने कहा कि अनुच्‍छेद 370 को निरस्त कर दिया गया है। मैं यहां से कोई बड़ा दावा नहीं करना चाहता। लेकिन जिस तरह से चीजें सामान्य हो रही हैं (कश्मीर में), मुझे इस बात का संदेह नहीं है कि हम आतंकवाद को काफी हद तक खत्म कर पाएंगे।बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शाहीन बाग में सड़क जाम से समस्या पैदा हो रही है। कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को दूसरी जगह जाने का सुझाव दिया जहां से सार्वजनिक स्थल पर रुकावट पैदा नहीं हो सके। शीर्ष कोर्ट ने हालांकि उनके प्रदर्शन के अधिकार का समर्थन भी किया।Posted By: Arun Kumar Singhडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस


Source: Dainik Jagran February 21, 2020 11:01 UTC



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