। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पब्लिक सेक्टर बैंक के सीईओ के साथ मुलाकात को फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। वित्त मंत्री की व्यस्तताओं के चलते ऐसा किया गया है। इस बैठक में कर्जदाताओं के वित्तीय प्रदर्शन और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने वाली थी।सूत्रों के अनुसार, बैठक में इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत एनपीए के समाधान की प्रगति की भी समीक्षा होने वाली थी। सूत्रों ने बताया था कि बैठक में बैंकिंग क्षेत्र का जायजा लेने और अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने वित्तीय स्थिति और कर्ज वितरण में सुधार के तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद थी। एनबीएफसी क्षेत्र में संकट के बीच कर्ज वृद्धि डबल डिजिट को पार कर गई है। सूत्रों ने कहा था कि राजस्व और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव भी बैठक में भाग लेंगे। पिछले कुछ महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रिवाइवल के संकेत मिले हैं। हालांकि, व्यस्तताओं के चलते इस बैठक को फिलहाल टाल दिया गया है।सरकार ने हाल ही में संसद में एक प्रश्न के जवाब में कहा कि सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों ने पिछले चार वित्तीय वर्षों में 3.59 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है, जिसमें 2018-19 के दौरान 1.23 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड वसूली शामिल है। मार्च 2015 में प्रावधान कवरेज अनुपात 46 फीसद से बढ़कर मार्च 2019 में 74.2 फीसद हो गया था।सरकार ने कहा कि देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक ने मार्च 2019 तक एनपीए के रूप में वर्गीकृत 1.76 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। राज्य में बैंकों के पास मार्च के अंत में 8,582 विलफुल डिफॉल्टर्स थे, जबकि एक साल पहले 7,535 थे। पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान विलफुल डिफॉल्टर खातों से 7,654 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Nitesh
Source: Dainik Jagran August 01, 2019 14:15 UTC