साध्वी प्राची ने कहा राहुल गांधी ने कभी धरातल की जिंदगी नहीं जी है। जिस वजह से वह कभी जमीनी नेता भी नहीं बन पाएंगे। जमीनी नेता तो केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। राहुल गांधी को यह तक नहीं पता कि जलेबी हलवाई बनाता है या फिर फैक्ट्री में बनती हैं।जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। साध्वी प्राची ने कहा कि राहुल गांधी बचकानी हरकतें करते हैं। इसलिए गठबंधन में अब तक कोई रंग नहीं आया और आगे भी कोई असर नहीं नहीं पड़ने वाला।साध्वी प्राची शहर के वृंदावन गार्डन में आयोजित 11 कन्याओं के विवाह समारोह में पहुंचीं हैं। उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा मुखिया सिर्फ दंगाइयों को बढ़ावा देते हैं। इसलिए जनता उन्हें सत्ता में कभी नहीं आने देगी।उन्होंने कहा कि देश के अंदर कुछ लोग गृहयुद्ध की तैयारी कर रहे हैं। सामूहिक विवाह समारोह के बाद वह कई अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होंगी।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में सभी सीटें भाजपा जीतने जा रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील करते हुए कहा कि सिर तन से जुदा करने वाले नारे लगाने वालों पर कार्रवाई की जाए।किताबों का बढ़ा क्रेज… संविधान, आंबेडकर, योगी, मोदी को खूब पढ़ रहे युवानरेंद्र यादव, शाहजहांपुर। रामलीला, रामायण महाकाव्य का प्रदर्शन व प्रभु श्रीराम के कृतित्व, व्यक्तित्व व मर्यादा का दर्शन मात्र नहीं, बल्कि यह धर्म, संस्कृति, सौहार्द का संगम व जीवनोपयोगी वस्तुओं की प्राप्ति व मनोरंजन का स्थल भी है। ओसीएफ रामलीला व प्रदर्शनी में पुस्तकों की दो दुकानें लगी हैं। इनमें स्थानीय पुस्तक विक्रेता की दुकान पर धार्मिक किताबों के अलावा भारतीय संविधान व महापुरुषों के जीवन दर्शन से जुड़ी किताबों की लंबी रेंज उपलब्ध है।मेले में आने वृद्धजन रामायण, गीता, भागवत व सुख सागर समेत धार्मिक किताबें खरीदना पसंद कर रहे हैं। युवाओं को भारतीय संविधान खुब भा रहा है। दरअसल लोकसभा चुनाव में संविधान की रक्षा का मुद्दा खूब उठा। इसका असर पुस्तक भंडार की दिखाई दिया। हद्दफ चौकी निवासी युवा शिक्षक दिनेश पाल भी भारत का संविधान किताब खरीद रहे थे, बोले गीता, रामायण की तरह संविधान हर किसी को पढ़ना चाहिए, इसे पढ़ने से हमें अपने अधिकारों के ज्ञान के साथ रक्षा करने की जानकारी भी मिलती है।सीतापुर, बनारस की तरह यहां नहीं बिकती धार्मिक पुस्तकेंसीतापुर से आए पुस्तक विक्रेता प्रेम किशोर अवस्थी अपेक्षित किताबें न बिकने से मायूस हैं। बताया तीस हजार किराया देकर दुकान ली, लेकिन बिक्री काफी कम है। बोले नैमिषारण्य, प्रयागराज व वाराणसी में दुकान लगाने पर धार्मिक पुस्तकें खूब बिकती हैं, यहां धार्मिक किताबों की बिक्री काफी कम है। कैलेंडर व तस्वीर बिक्री से खर्चा निकल रहा है।यह भी पढ़ें: Ratan Tata की अलीगढ़ के वरुण से UK की यूनिवर्सिटी में हुई थी मुलाकात, सफलता के लिए दिया था ये खास मंत्रयह भी पढ़ें: अखिलेश को मूर्ति पर माल्यार्पण करने से रोकने पर गरमाई यूपी की सियासत, शिवपाल को पुलिस ने रोका- लखनऊ से कन्नौज तक हंगामा
Source: Dainik Jagran October 11, 2024 18:33 UTC