याचिकाकर्ताओं ने कहा कि जिस सीएजी की रिपोर्ट का हवाला दिया गया उसमें कई खामियां हैं. सीबीआई ने कई बार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद मामले की जांच नहीं की. उन्होंने कहा कि राफेल सौदे (Rafale deal) में समझौते का मसौदा तैयार करने में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी के सुझाए आदर्श नियमों की अनदेखी की गई. न ही कानूनी आधार बताए गए जिनसे पता चले कि सौदा फाइनल करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया तर्कसंगत, व्यवहारिक और पारदर्शी थी. VIDEO- चुनाव इंडिया का: राफेल का जवाब बोफ़ोर्स से?
Source: NDTV May 09, 2019 08:51 UTC