नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के बीच राज्य सरकार का नया फैसलापाकिस्तान से आई छात्रा को प्रदेश में दिलाएंगे 12वीं का बोर्ड एग्जामDainik Bhaskar Jan 02, 2020, 10:08 AM ISTजयपुर. नागरिकता संशोधन कानून पास होने को लेकर देशभर में पक्ष व विपक्ष में प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं जोधपुर में इसी बिल से प्रभावित एक छात्रा की शिक्षा में अड़चन आ गई। करीब दाे साल पहले पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आई छात्रा ने 10वीं पाकिस्तान से तो 11वीं जोधपुर से पास कर ली। इस साल 12वीं बोर्ड का फाॅर्म भरा तो आपत्ति आ गई। मामला सुर्खियां बनने लगा तो शिक्षा मंत्री ने खुद छात्रा काे फोन कर भरोसा दिलाया कि तुम बोर्ड परीक्षा की तैयारी करो, बाकी वे देख लेंगे।दरअसल, पाकिस्तान के सिंध इलाके में मीरपुरखास की रहने वाली दामी ने दसवीं तक पढ़ाई वहां के सरकारी स्कूल में की थी। उसके पिता चौथा ने बताया कि सिंध इलाके में बढ़ते अत्याचार और बेटियों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को देखते हुए वे परिवार सहित जोधपुर आ गए। यहां दीर्घ अवधि वीजा (एलटीवी) के लिए आवेदन करने के साथ मगरा पूंजला में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल से विज्ञान विषय में 11वीं में प्रवेश लिया। पाकिस्तान से जारी टीसी के आधार पर उसे प्रवेश मिला। जब 11वीं पास कर ली तो 12वीं बोर्ड के लिए आवेदन कर दिया। कुछ दिन पहले ही बोर्ड ने यह कहकर आपत्ति लगा दी कि पात्रता प्रमाण पत्र नहीं है।दामी के पिता का कहना है कि पाकिस्तान से इस तरह का प्रमाण पत्र लेते ही वहां के लोगों को शक हो जाता है कि व्यक्ति यहां से निकलना चाह रहा है और अत्याचार बढ़ जाते हैं। एेसे में वे यह प्रमाण पत्र लाए नहीं। नागरिकता संशोधन कानून के मद्देनजर पाकिस्तान से आई एक छात्रा की शिक्षा पर ही राजस्थान में अड़चन आने की बात उठी तो शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को बयान देना पड़ा।शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा- बच्ची को बोर्ड परीक्षा दिलाएंगेशिक्षा मंत्री डोटासरा ने एक इंटरव्यू और खुद ट्वीट कर कहा है कि बोर्ड के नियमों के अनुसार पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र की अनुपलब्धता की वजह से छात्रा को 12वीं बोर्ड की परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिली थी। इस संबंध में बोर्ड ने अधिक जानकारी चाहने हेतु पाकिस्तान दूतावास को भी पत्र भेजा था, जिसका कोई जवाब नहीं आया। राजस्थान सरकार ने मामले की गंभीरता और बच्ची के भविष्य को देखते हुए इसे परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का फैसला लिया है।शिक्षा से वंचित नहीं रखने का आदेश पहले सेसीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदूसिंह सोढ़ा का कहना है कि पाकिस्तानी विस्थापितों के बच्चों के लिए नए साल के पहले दिन यह अच्छी खबर मिली है। भारत सरकार के निर्देश पर गहलोत सरकार के कार्यकाल में अक्टूबर 2012 को राज्य के गृह विभाग ने भी निर्देश दिए थे कि भारतीय नागरिकता प्राप्त करने व भारत में स्थाईवास चाहने के आधार पर राज्य में रह रहे पाक नागरिकों के बच्चों को शिक्षा के लिए प्रवेश दिया जाए।
Source: Dainik Bhaskar January 01, 2020 23:03 UTC