Dainik Bhaskar Jan 08, 2019, 12:56 PM ISTरिलिजन डेस्क. मकर संक्रांति इस बार अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि और रवि योग में मनेगी। इस दिन अश्विनी नक्षत्र भी रहेगा, जो मंगलकारी है। खास बात यह है कि 14 जनवरी की रात 2.20 मिनट पर सूर्य के धनु से मकर राशि में प्रवेश करने से संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को रहेगा। इसी दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे और खरमास का समापन हो जाएगा। कई स्थानों पर लोग 14 जनवरी की शाम को ही पवित्र नदियों में स्नान करना शुरु कर देंगे।संक्रांति का वाहन सिंह और उप वाहन हाथी रहेगा दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर आगमन और वैश्य के घर मे प्रवेश करने से महंगाई पर अंकुश लगेगा। व्यापार में उत्तम लाभ होगा। - किराना वस्तुओं के दाम घट सकते हैं। सोमवार का दिन होना भी संक्रांति के शुभ फलों में वृद्धिदायक रहेगा।अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि, रवियोग और अश्विनी नक्षत्र का संयोग 14 जनवरी की रात सूर्य का मकर राशि में प्रवेश रात 2.20 बजे होगा, जबकि कुछ पंचांगों में सूर्य के मकर में प्रवेश का रात 8 बजकर 6 मिनट पर प्रवेश होने का उल्लेख है। - बावजूद इसके मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को सूर्योदय से प्रारंभ होगा। विशेष पुण्यकाल दोपहर 2.30 तक जबकि सामान्य पुण्यकाल सूर्यास्त होने तक रहेगा।कब-कब रहता है सूर्य उत्तरायण जब सूर्य मकर, कुंभ, मीन, मेष, वृष व मिथुन राशि में रहता है, तब उत्तरायण होता है। इसके बाद जुलाई में 15 तारीख के बाद जब सूर्य कर्क राशि में होता है तब से धनु राशि तक सूर्य दक्षिणायन कहलाता है। - सूर्य के उत्तरायण होने पर भारत सहित सूर्य के उत्तरी गोलार्ध क्षेत्र में सूर्य की किरणें सीधी पड़ने से ऋतु परिवर्तन होता है। ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ होने के साथ ही दिन बड़े व रातें छोटी होती हैं। पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमते हुए 72 से 90 साल के बीच में एक डिग्री पीछे हो जाती है। इस कारण से सूर्य का मकर राशि में प्रवेश का समय व दिन बदलते रहते हैं। - वर्ष 2014 से 2016 तक मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई गई, जबकि 2017 व 2018 में यह 15 जनवरी को ही मनी थी। दक्षिण भारत के कई हिस्सों में यह पर्व पोंगल के रुप में मनाया जाता है।
Source: Dainik Bhaskar January 08, 2019 06:13 UTC