अब दिल्ली पुलिस कमिश्नर की जारत से दिल्ली पुलिस ने इस मामले को एंटी करप्शन ब्रांच यानी एसीबी को भेज दिया है. और संदेह होने का सबसे बड़ा कारण मोदी सरकार का पिछले साल लिया गया फैसला. इस बदलाव के तहत यह तो हुआ था कि अब किसी भी मामले में भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्र सरकार के मंत्रियों अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी अनिवार्य होगी. ठीक इसी तरह राज्य सरकार के मंत्रियों अधिकारियों और कर्मचारियों के ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी जरूरी होगी. इसलिए यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या केजरीवाल सरकार अपने ही खिलाफ जांच की इजाजत देगी?
Source: NDTV July 26, 2019 17:25 UTC