'मुझे नहीं लगता मैंने अपनी मां की तारीफ की है' दरअसल, एक इंटरव्यू में जब आलिया से पूछा गया था कि 'एक बार आपने कहा था कि आपको अपनी मां के लिए अफसोस होता है, आप रोना चाहती हैं, तो इतनी कम उम्र में ऐसी फील क्यों और कहां से आती है? इस बात का जवाब देते हुए एक्ट्रेस ने कहा 'दरअसल वह बहुत ज्यादा लविंग-केयरिंग और ध्यान रखने वाली हैं जैसे कि माएं होती हैं। लेकिन मुझे लगता है कि मैंने उनकी कभी खुलकर तारीफ नहीं की है। आप कई बार अपने पैरेंट्स को फॉर ग्रैंटेड ले लेते हो। खासकर मांओ को, क्योंकि आपको लगता है कि अरे! ये तो मम्मी हैं। अब जब मैं उनके साथ बहुत ज्यादा वक्त नहीं बिता पाती हूं, तो पहली चीज मेरे दिमाग में यही आती है कि उनके इतने सालों के त्याग के लिए उतनी तारीफ मैंने कभी नहीं की जितनी करनी चाहिए थी। यही गिल्ट मुझे खाए जा रहा है, जो काफी लंबे समय तक रहेगा'। जाहिर है कि आलिया का अपनी मां के योगदान के लिए उनकी खुलकर तारीफ ना कर पाना सबसे बड़े अफसोस की बात बन गया है। लेकिन ऐसा महसूस करने वाली सिर्फ वो ही नहीं बल्कि कई बच्चे हैं, जो समय पर अपने माता-पिता का आभार नहीं जता पाते हैं बाद में अफसोस करने पर मजबूर हो जाते हैं।बिगड़े लहजे में रिस्पेक्ट की कमीं माता-पिता अपने बच्चों को हमेशा सही रास्ते पर चलने की सलाह देते हैं। हालांकि, एक समय के बाद बच्चों को ऐसा लगने लगता है कि उन्हें अपनी लाइफ का अच्छा बुरा पता है। यही एक कारण भी है कि एक समय के बाद पैरेंट्स की डांट भी बुरी लगने लगती है और बच्चे उनसे गलत तरीके से बात करने में भी हिचकिचाते नहीं हैं। यहां तक कि कई बार गुस्से में उन पर चिल्ला भी देते हैं। एक पैरेंट्स के लिए इससे दुख वाली कुछ नहीं हो सकती कि उनका बच्चा उनसे सम्मान से बात ना करता हो। कोई भी पैरेंट्स अपने बच्चे का बुरा नहीं चाहते भले ही वह अपने नजरिए से क्यों ही नहीं देख ऱहे हो। ऐसा होने पर आप शांति से उनके सामने अपनी बात रख सकते हैं। आप उन्हें अपना नजरिया भी समझा सकते हैं, इससे ना सिर्फ वह आपको समझेंगे बल्कि हो सकता है कि आप पर गर्व भी महसूस करें।
Source: Navbharat Times June 05, 2021 11:23 UTC