यह रोड प्रोजेक्ट उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में चल रहा है, घाटी वाला इलाका होने की वजह से मशीनरी पहुंचाने में कई दिक्कतें आई थीं। (फाइल फोटो)यह रोड प्रोजेक्ट उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में चल रहा है, घाटी वाला इलाका होने की वजह से मशीनरी पहुंचाने में कई दिक्कतें आई थीं। (फाइल फोटो)बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन पिछले साल कई कोशिशों के बावजूद मशीनरी नहीं पहुंचा सका था65 किमी लंबी सड़क का काम पूरा होने पर भारत-चीन बॉर्डर की आखिरी पोस्ट तक लोगों की पहुंच हो जाएगीदैनिक भास्कर Jun 11, 2020, 09:34 PM ISTपिथौरागढ़. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की जौहर वैली में मुनस्यारी-बगडियार-मिलाम रोड के काम में अब तेजी आने की उम्मीद है। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) को हेलिकॉप्टर के जरिए मशीनरी पहुंचाने में कामयाबी मिल गई है। देश का ये स्ट्रैटजिक रोड प्रोजेक्ट भारत-चीन बॉर्डर के पास चल रहा है। बीआरओ पिछले साल कई कोशिशों के बावजूद मशीनरी पहुंचाने में नाकाम रहा था।स्टोन कटिंग मशीनरी नहीं होने की वजह से काम अटका था65 किलोमीटर लंबी मुनस्यारी-बगडियार-मिलाम रोड बनने के बाद इंडो-चाइना बॉर्डर की आखिरी पोस्ट तक लोगों की पहुंच हो जाएगी। स्टोन कटिंग मशीनरी नहीं होने की वजह से इसके काम में देरी हो रही थी।22 किलोमीटर इलाके में खड़ी चट्टानेंबीआरओ के चीफ इंजीनियर बिमल गोस्वामी का कहना है कि स्टोन कटिंग का चैलेंजिंग फेज अगले तीन साल में पूरा होने की उम्मीद है। प्रोजेक्ट के 22 किलोमीटर के इलाके में खड़ी चट्टानें हैं। अब मशीनरी पहुंचने के बाद उन्हें काटना आसान हो जाएगा।10 साल पहले काम शुरू हुआ थागोस्वामी ने बताया कि रोड का काम दोनों छोरों से चल रहा है। चट्टानी इलाके को छोड़ 40 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। इस रोड पर काम 2010 में शुरू हुआ था। इसके लिए 325 करोड़ रुपए का फंड मिला था।
Source: Dainik Bhaskar June 11, 2020 10:31 UTC