नई दिल्ली, प्रेट्र। मुख्य सूचना आयुक्त के नाम का चयन करने के लिए बनी सर्च कमेटी ने उन दो सूचना आयुक्तों के नामों को तवज्जो नहीं दी जिन्होंने नियुक्ति को लेकर इच्छा जताई थी। कमेटी ने उन चार लोगों के नाम की संस्तुति की थी जिन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त बनने की इच्छा नहीं जताई थी। सरकार ने सर्च कमेटी की सिफारिश को सार्वजनिक किया है।सरकार ने चयन प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज किए सार्वजनिककैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी ने पांच नामों की सूची सरकार को सौंपी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति इन नामों पर विचार किया। समिति में वित्त मंत्री अरुण जेटली और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी हैं।सरकार ने 23 अक्टूबर, 2018 को मुख्य चुनाव आयुक्त पद के लिए आवेदन पत्र मांगे थे। इसके बाद केंद्रीय सूचना आयोग के कार्यरत सभी तीन आयुक्तों- सुधीर भार्गव, बिमल जुल्का और दिव्य प्रकाश सिन्हा समेत 68 लोगों ने पद के लिए आवेदन किए, लेकिन कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी ने जुल्का और सिन्हा के नाम को योग्य पांच लोगों की सूची में नहीं रखा।सर्च कमेटी ने जिन पांच लोगों के नाम सरकार को सौंपे, उनमें सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव, पूर्व आइएएस अधिकारी माधव लाल, गुजरात के पूर्व एडीशनल चीफ सेक्रेटरी एसके नंदा, प्रशासनिक सुधार विभाग के पूर्व सचिव आलोक रावत और पूर्व सचिव आरपी वाटल शामिल थे। इनमें से लाल, रावत और वाटल ने मुख्य सूचना आयुक्त बनने के लिए आवेदन नहीं किया था, लेकिन सर्च कमेटी ने अपने विवेक से उनके नाम शामिल किए।सर्च कमेटी को अधिकार है कि वह अपनी ओर से योग्य व्यक्ति के नाम की सिफारिश कर सकती है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने सभी नामों पर विचार किया, लेकिन भार्गव के नाम पर मुहर लगाई। भार्गव को इसी महीने मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया है।Posted By: Bhupendra Singh
Source: Dainik Jagran January 20, 2019 17:03 UTC