इन दोनों नेताओं को एक साथ लाने में मुलायम सिंह के बेटे और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने का बड़ा रोल रहा है. उधर पहले चरण की वोटिंग में महागठबंधन के अच्छे प्रदर्शन की रिपोर्ट मिलने के बाद अखिलेश यादव ने 'एक बड़े धक्के' की जरूरत की बात कहकर अपने पिता मुलायम सिंह यादव को संयुक्त रैली के लिए राजी कर लिया. अखिलेश यादव की इस व्यवहार-कुशलता का यह फायदा हुआ कि मायावती भी मुलायम सिंह यादव के साथ खुशी-खुशी संयुक्त रैली करने के लिए राजी हो गईं. वहीं जवाब में मायावती ने भी पीएम मोदी की तुलना में मुलायम सिंह यादव की खूब तारीफ की. इस घटना के बाद से ही मुलायम और मायावती ने एक दूसरे का चेहरा न देखने की कसम खाई थी.
Source: NDTV April 21, 2019 08:37 UTC