नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। महिला किसानों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सरकार ने उनके लिए महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना शुरू की है, जिसका असर दिखने लगा है। परियोजना के दायरे में अब तक 36 लाख महिलाएं आ चुकी हैं। कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया कि देश के 24 राज्यों की महिला किसानों ने इस परियोजना में हिस्सा लिया है।लोकसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान उन्होंने बताया कि परियोजना की बढ़ती लोकप्रियता के मद्देनजर सरकार ने 84 नई योजनाओं को मंजूरी दे दी है। इसमें कुल 33.81 लाख महिला किसानों को शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आंकड़ा देते हुए तोमर ने बताया कि 31 मार्च 2019 तक कुल 35.98 लाख महिला किसानों को इसका लाभ मिल चुका है। खास परियोजना में 30 लाख से अधिक गांवों को कवर कर लिया गया है।पूरक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि इस परियोजना के लिए केंद्र से वित्तीय मदद के रूप में 847.48 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसमें से कुल 570 करोड़ रुपये जारी भी किए जा चुके हैं। तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय लगातार महिला किसानों के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत निरंतर जागरूकता अभियान चला रहा है। उदाहरण के तौर पर कृषि मंत्री तोमर ने बताया कि कृषि क्षेत्र में गैर इमारती लकड़ियों का उत्पादन और पशु पालन जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है।महिला किसानों के स्वयं सहायता समूहों को इसका लाभ मिलता है। सदन में सवालों के जवाब में तोमर ने कहा कि महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना को ग्रामीण महिला आजीविका मिशन के मार्फत क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके लिए 29 राज्यों में कुल 34 लाख स्वयं सहायता समूह के सदस्यों का चयन कर लिया गया है। इनमें ज्यादातर एसएचजी पर्यावरण, पशुधन व कृषि से जुड़े अन्य उद्यम में सक्रिय हैं।Posted By: Pawan Jayaswal
Source: Dainik Jagran July 24, 2019 03:45 UTC