इंदौर में रोजाना औसत 49 मरीजों के सैंपल की जांच हो रही हैप्रशासन सख्त, बेवजह सड़कों पर घूमने वाले अब सीधे जेल जाएंगेदैनिक भास्कर Mar 29, 2020, 12:18 PM ISTइंदौर. शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा रोजाना तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार देर रात एमजीएम मेडिकल कॉलेज ने 5 और मरीजों में संक्रमण की पुष्टि की। इसके साथ ही शहर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 24 हो गई है। शनिवार को लिए गए 98 सैंपल सहित अब तक कुल 297 मरीजों के सैंपल लिए जा चुके हैं। 175 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। यह बेहद गंभीर स्थिति है। क्योंकि औसत रोजाना पांच नए मरीज सामने आ रहे हैं। अभी तक दो मरीजों की मौत हो चुकी है। औसत रोजाना 49 मरीजों के सैंपल की जांच हो रही है।इधर, लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर रविवार से और सख्ती बरती जाएगी। कलेक्टर मनीष सिंह ने भास्कर से चर्चा में स्पष्ट कर दिया कि बेवजह सड़कों पर घूमने वाले अब सीधे जेल जाएंगे। लोगों की जिंदगी बेहद अहम है। कोरोना की गंभीरता को जो नहीं समझेगा, उस पर किसी तरह की नरमी का सवाल ही नहीं उठता। दूध-सब्जी के नाम पर भी लोग बेवजह बाहर घूमते मिलेंगे तो कार्रवाई होगी। पुलिस गलियों में भी सर्चिंग करेगी। कर्फ्यू के नियमों का सख्ती से पालन सभी को करना होगा।शनिवार रात जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनमें चार पुरुष और एक महिला है। दौलतगंज रानीपुरा निवासी 40 वर्षीय युवक पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आया था। चंद्रपुरी कॉलोनी मूसाखेड़ी निवासी 48 वर्षीय व्यक्ति भी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आया था। दौलतगंज हाथीपाला निवासी 21 वर्षीय युवक और दौलतगंज रानीपुरा निवासी 38 वर्षीय युवक भी पॉजिटिव के संपर्क में थे। पांचवी मरीज माधव नगर उज्जैन की है। 17 वर्षीय यह युवती भी किसी पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आई है।इंदौर में अब तककुल सैंपल 297आज के सैंपल 98पॉजिटिव 24निगेटिव 175मौत 2(* एमजीएम लैब के आंकड़ों में इंदौर के अलावा आसपास के जिलों के मरीज भी शामिल)इंदौर हित में भास्कर आह्वान - 9 करोड़ के बंगाल में 15 पॉजिटिव, 30 लाख वाले इंदौर में 24, हम अब हाई रिस्क पर, तत्काल सब लॉक करिएकोरोना संक्रमण फैलने की रफ्तार को देखते हुए इंदौर अब हाई रिस्क सिटी में आ गया है। भोपाल से लेकर दिल्ली तक देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को लेकर सभी चिंतित हैं। मामला कितना गंभीर है, इसका अंदाज इससे लगाइए कि नौ करोड़ की जनसंख्या और सघन बसे हुए पश्चिम बंगाल में शनिवार दोपहर तक कोरोना के पॉजिटिव केस 15 थे, वहीं 30 लाख की आबादी वाले और देश के सबसे स्वच्छ शहर हमारे इंदौर में मरीजों की संख्या 24 पर पहुंच गई है। शनिवार दोपहर तक इंदौर में केवल 150 सैंपल की जांच हुई थी और इसी में इतने पॉजिटिव मरीज आ गए हैं। अब संवेदनशील 49 सैंपल (जो मरीजों के निकटस्थ थे, उनके) जांच में गए हैं, जिसमें यह संख्या और बढ़ेगी। अब समय आ गया है कि किराना, खाद्य वस्तु, दवा, दूध लेने के लिए हर दिन बाहर निकलने वाले हजारों लोगों को रोका जाए और उन्हें घर पर ही सभी सुविधाएं दी जाएं।चोइथराम मंडी में सब्जी के लिए पांच से दस हजार लोग रोज पहुंच रहे हैं। शहर की अन्य जगह की छोटी मंडियों में हर दिन हजारों लोग जमा हो रहे हैं। इससे संक्रमण फैलने का सबसे अधिक खतरा है। किराना रोज-रोज लेने की जरूरत नहीं है और इसके लिए होम डिलीवरी सुविधा को मजबूत कर इन दुकानों को भी पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। दूध जरूरी सेवा है, इसे होम डिलीवरी द्वारा मजबूत किया जा सकता है। दवा बाजार में भीड़ आने से संक्रमण का खतरा है। दवा दुकानें भी अस्पताल के साथ वाली ही खुली या फिर हर एरिया में चिह्नित दुकान खोलने की मंजूरी मिले। भोजन सामग्री वितरण के नाम पर घूमने वालों पर भी रोक लगे। हर वार्ड में एक नोडल अधिकारी को 30-40 लोगों की टीम दी जाए और वही सामग्री के वितरण की जिम्मेदारी संभालें। पंप पर जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग जैसे पुलिस, मीडिया, दूध वाहन, दवा सप्लायर, डॉक्टर के परिचय पत्र देखकर ही पेट्रोल डालने की अनिवार्यता हो।आइसोलेशन हाउस बढ़ाएं, अस्पताल चिह्नित होंआइसोलेशन हाउस अधिक से अधिक करना होंगे, क्योंकि सघन बस्ती में लोग एक-दूसरे के करीब रहेंगे तो संक्रमण की आशंका ज्यादा रहेगी। वहीं अस्पताल चिह्नित कर अधिक से अधिक बेड आारक्षित किए जाएं और थोड़ी सी आशंका वाले को तत्काल अलग कर उपचार किया जाए।सैंपल अधिक लिए जाएं और जांच क्षमता बढ़ेअभी इंदौर में हर दिन औसतन 50 सैंपल लेकर जांच की जा रही है। अब समय आ गया है कि कंटेनमेंट एरिया वाले और लक्षण वाले लोगों के अधिक से अधिक सैंपल लिए जाएं और हर दिन 200 से 300 लोगों की जांच की जाए। इससे अधिक से अधिक लोगों को आइसोलेट कर संक्रमण को रोका जा सकेगा।कंटेनमेंट एरिया को पूरी तरह बंद कर सभी की स्क्रीनिंग जरूरीरानीपुरा, चंदननगर, खजराना क्षेत्र काफी घने बसे हैं। सबसे ज्यादा मरीज इन्हीं क्षेत्रों से हैं और समस्या यह है कि इनका प्राथमिक स्रोत भी पता नहीं है। ऐसे में इन जगहों पर और कितने पॉजिटिव होंगे, इसका अंदाजा मुश्किल है। ऐसे में इन क्षेत्रों में पूरी तरह से लॉकडाउन कर किसी को भी बाहर निकलने की मंजूरी नहीं दी जाए। जरूरी सामग्री घर पहुंचाई जाए। पूरे एरिया को सैनिटाइज किया जाए। सभी लोगों की स्क्रीनिंग हो और हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा दी जाए।
Source: Dainik Bhaskar March 29, 2020 05:03 UTC