मथुरा आत्महत्या केस: नोटबंदी में 123 करोड़ की गड़बड़ी बनी व्यापारी की 'खुदकुशी' की वजह? - News Summed Up

मथुरा आत्महत्या केस: नोटबंदी में 123 करोड़ की गड़बड़ी बनी व्यापारी की 'खुदकुशी' की वजह?


हाइलाइट्स उत्तर प्रदेश के मथुरा में बुधवार को एक व्यापारी, उनकी पत्नी और बेटी के शव एक्सप्रेसवे पर खड़ी उनकी गाड़ी से मिलेआशंका जताई जा रही है कि व्यापारी नीरज अग्रवाल ने ही पहले पत्नी और बेटी को गोली मारी, फिर खुद की भी जान लीनोटबंदी के दौरान 123 करोड़ रुपये की गड़बड़ी करने के मामले में नीरज के खिलाफ कई विभागों की चल रही थी जांचसंदिग्ध हालत में खड़ी कार से बरामद हुए शवउत्तर प्रदेश के मथुरा में बुधवार को एक व्यापारी, उनकी पत्नी और बेटी के शव एक्सप्रेसवे पर खड़ी उनकी गाड़ी से मिले। आशंका जताई जा रही है कि व्यापारी नीरज अग्रवाल ने ही पहले पत्नी और बेटी को गोली मारी, फिर खुद की भी जान ले ली। अब यह जानकारी सामने आ रही है कि नोटबंदी के दौरान लगभग 123 करोड़ रुपये की गड़बड़ी करने के मामले में नीरज के खिलाफ इनकम टैक्स, कमर्शल टैक्स और अन्य डिपार्टमेंट की जांच चल रही थी। कहा जा रहा है कि संभवत: इसी कारण से नीरज ने सूइसाइड कर ली। हालांकि, परिजन इसे हत्या बता रहे हैं।हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी के दौरान नीरज अग्रवाल ने अलग-अलग तरीकों से लगभग 123 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की। इसी मामले में उनके खिलाफ इनकम टैक्स, कमर्शल टैक्स और आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय भी नीरज अग्रवाल का ट्रायल कर रहा है और नीरज पर भारी कर्ज है। इसी वजह से आशंका जताई जा रही है कि नीरज ने परिवार समेत आत्महत्या कर ली हो।दूसरी तरफ नीरज के परिजन का कहना है कि वह अपने प्रतिद्वंद्वियों के निशाने पर थे। नीरज के पिता दिनेश चंद्र अग्रवाल कहते हैं, 'दो साल पहले गोवर्धन इलाके के पास कुछ लोगों ने नीरज पर गोली चलाई थी और पुलिस के पास इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। किस्मत से वह इस हमले में बच गए थे।' बताया गया कि नीरज अपने परिवार संग दिल्ली में रहते थे और बाकी परिवार में मथुरा में ही है। नीरज के पिता के मुताबिक, नीरज रेग्युलर मथुरा आते रहते थे। उनके खिलाफ जांच जरूरी चल रही थी, लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ अपील भी दायक की थी।नीरज के साले अमित ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उनकी बहन नेहा (नीरज की पत्नी) और बाकी लोगों ने साथ डिनर किया। डिनर के बाद वे सभी दिल्ली निकल गए, क्योंकि बुधवार को कुछ कार्यक्रम था। अमित ने इस मामले में एक एफआईआर दर्ज करवाई है।बताया गया कि जुलाई, 2018 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने नीरज के आरएस बुलियन ऐंड ज्वैलर्स, मथुरा पर छापा मारा था। इस छापेमारी में सामने आया कि नोटबंदी के समय बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरएस बुलियन ने नोटबंदी के दौरान अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में 123 करोड़ रुपये जमा किए थे।छापेमारी के बाद इनकम टैक्स के अधिकारियों ने मीडिया को बताया था कि नीरज ने दावा किया था कि उसने एक ही दिन में 37 करोड़ का सोना बेचा था। हालांकि, रेकॉर्ड्स में यह पता चल रहा था कि उनकी फर्म ने ब्लैक मनी को वॉइट मनी में बदलने के लिए कमिशन लिया था। बदले में नीरज ने सबको सोना खरीदने की रसीद दी थी। नीरज ने यह भी कहा था कि उन्होंने इतना सोना मुंबई के वैनिटी ज्वैलर से खरीदा। हालांकि, बाद में यह भी सामने आया था कि वैनिटी ज्वैलर 2012 में ही बंद हो गया था।बता दें कि व्यावारी नीरज अग्रवाल (38), उनकी पत्नी नेहा अग्रवाल (36), बेटे शौर्य (10) और बेटी धन्या (6) के साथ क्रेटा गाड़ी से ससुराल जा रहे थे। उनकी गाड़ी संदिग्ध हालत में पुलिस को एक्सप्रेसवे पर मिली। पुलिस को मौके से नीरज, नेहा और धन्या के शव मिले जबकि शौर्य की सांसें चल रही थीं।एसपी सिटी ने बताया कि गाड़ी में आगे की सीट पर नीरज का शव पड़ा था और उसके दाहिने हाथ में पिस्टल थी। उन्होंने बताया कि गाड़ी की पीछे की सीट पर लहूलुहान हालत में नेहा, धन्या और शौर्य पड़े थे। उनके अनुसार संभवतः पत्नी और बच्चों को गोली मारने के बाद नीरज ने खुद को गोली मारकर आत्‍महत्‍या कर ली।


Source: Navbharat Times January 02, 2020 03:42 UTC



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