भगवान बुद्ध ने बताया इस तरह ज्ञान के बाद भी इंसान को नहीं मिलता मोक्ष - News Summed Up

भगवान बुद्ध ने बताया इस तरह ज्ञान के बाद भी इंसान को नहीं मिलता मोक्ष


संकलन: विनय मौर्यउन दिनों भगवान बुद्ध श्रावस्ती में विहार कर रहे थे। मोग्गालन नाम का एक ब्राह्मण लेखाकार भी अक्सर उनके पास धम्म शिक्षा पाने के लिए आता था। एक दिन मोग्गालन जल्दी आ गया। बुद्ध को अकेले बैठे पाकर उसने उनसे पूछा, ‘आपके पास ढेरों लोग आते हैं। कुछ ऐसे होते हैं, जिन्हें परम ज्ञान मिल गया है, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो ज्ञान को जानते हुए भी उससे लाभ नहीं ले पाते हैं, ऐसा क्यों? आप अद्भुत पथ प्रदर्शक हैं, फिर भी कुछ को ही निर्वाण सुख क्यों प्राप्त होता है? क्या आप करुणा से ही सबको सुख नहीं दे सकते?’इंसान के सफलता तक ले जाते हैं ये रास्ते, इस तरह करें दुख दूरमोग्गालन की ओर से लगी प्रश्नों की झड़ी देख बुद्ध मुस्कुराए और बोले, ‘मोग्गालन, मैं उत्तर दूंगा। मगर मेरी शर्त है कि पहले तुम मेरे कुछ प्रश्नों के उत्तर दो।’ मोग्गालन बोला, ‘मैं अपनी समझ के मुताबिक आपके प्रश्न का उत्तर देने की कोशिश करूंगा। बुद्ध ने पूछा, ‘यह बताओ कि तुम राजा के घर आने-जाने का रास्ता ठीक से जानते हो?’ मोग्गालन हंसा और बोला, ‘भगवन, यह भी कोई बात है। मैं लेखाकार हूं, राजगृह का रास्ता भली-भांति जानता हूं।’ इस पर बुद्ध ने पूछा कि यह बताओ कि कोई तुम्हारे बताए रास्ते पर न जाकर कहीं और चला जाए तो? हजरत निजामुद्दीन ने हर धर्म व मजहब के लिए दिया ये बड़ा संदेश‘यह तो मूर्खता होगी भगवन, क्योंकि मैंने तो उसे सही रास्ता बताया था।’ मोग्गालन ने उत्तर दिया। फिर बुद्ध ने पूछा, ‘और अगर कोई पथिक तुम्हारे ही बताए रास्ते पर जाकर सीधे राजगृह पहुंच जाए, तो उसे क्या कहोगे?’ यह सुनकर मोग्गालन बोला, ‘इसमें मैं क्या करूं, मेरा तो काम ही सही रास्ता बताना है।’ इस पर बुद्ध मुस्कुराए और बोले, ‘यही तुम्हारे सारे सवालों का जवाब है प्रिय मोग्गालन। तथागत का काम ही सही रास्ता बताना है। अब लोग उस रास्ते पर न जाएं, तो तथागत क्या करें?’


Source: Navbharat Times June 11, 2020 03:33 UTC



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