बैंकिंग रिफॉर्म: प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर्स की अधिकतम हिस्सेदारी 15% से बढ़ाकर 26% की जा सकती है, RBI की समिति ने दिया सुझाव - News Summed Up

बैंकिंग रिफॉर्म: प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर्स की अधिकतम हिस्सेदारी 15% से बढ़ाकर 26% की जा सकती है, RBI की समिति ने दिया सुझाव


Hindi NewsBusinessPromoters Maximum Stake In Private Banks May Be Increased From 15 Pc To 26 Pc RBI Committee SuggestsAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपबैंकिंग रिफॉर्म: प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर्स की अधिकतम हिस्सेदारी 15% से बढ़ाकर 26% की जा सकती है, RBI की समिति ने दिया सुझावनई दिल्ली 14 घंटे पहलेकॉपी लिंकRBI के एक इंटरनल वर्किंग ग्रुप (IWG) ने शुक्रवार को एक सिफारिश में सभी नॉन-प्रमोटर शेयरधारकों के लिए भी बैंक में हिस्सेदारी की अधिकतम सीमा को समान रूप से 15% रखने का सुझाव दियापिछले कुछ साल से प्राइवेट बैंक के प्रमोटर्स पर बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 15% करने का दबाव बनाया जाता रहा हैबैंकिंग कानून में संशोधन के बाद ही बड़ी कंपनियों या औद्योगिक घरानों को बैंकों का प्रमोटर बनने की अनुमति देने का भी सुझावRBI के एक इंटरनल वर्किंग ग्रुप (IWG) ने शुक्रवार को एक सिफारिश में कहा कि प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी की अधिकतम सीमा को लंबी अवधि में वर्तमान 15 फीसदी से बढ़ाकर पेड-अप वोटिंग इक्विटी शेयर कैपिटल का 26 फीसदी किया जा सकता है। समिति ने सभी नॉन-प्रमोटर शेयरधारकों के लिए भी बैंक में हिस्सेदारी की अधिकतम सीमा को समान रूप से 15 फीसदी रखने का सुझाव दिया। पिछले कुछ साल से प्राइवेट बैंक के प्रमोटर्स पर बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 15 फीसदी करने का दबाव बनाया जाता रहा है। इनमें कोटक महिंद्रा बैंक के प्रमोटर उदय कोटक भी शामिल हैं।समिति ने यह भी सुझाव दिया कि बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 में जरूरी संशोधन करने के बाद ही बड़ी कंपनियों या औद्योगिक घरानों को बैंकों का प्रमोटर बनने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे कनेक्टेड लेंडिंग और एक्सपोजर्स की समस्या पैदा नहीं होगी और बड़े समूहों के लिए सुपरवाइजरी प्रणाली मजबूत होगी।50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा असेट वाली NBFC को बैंक बनाने का सुझावIWG ने 50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा असेट वाली मजबूत NBFC को भी बैंक बनाने का सुझाव दिया, हालांकि शर्त यह रखी कि इनका परिचालन अच्छी तरह हो रहा हो। इनमें कॉरपोरेट घरानों की NBFC को भी शामिल किया जा सकता है। समिति ने यह भी शर्त जोड़ी कि NBFC कम से कम 10 साल पुरानी हो और ड्यू डिलिजेंस व अन्य निर्धारित शर्तों पर खड़ी उतरती हो।पेमेंट बैंक को स्मॉल फाइनेंस बैंक बनने की मिले सुविधासिफारिशों में पेमेंट बैंकों को स्मॉल फाइनेंस बैंक बनने की सुविधा देने का भी प्रावधान है। समिति ने कहा कि इसके लिए पेमेंट बैंक के रूप में 3 साल के अनुभव को काफी समझा जाना चाहिए। सुझावों के मुताबिक यूनिवर्सल बैंक बनने के लिए निर्धारित कैपिटल रिक्वायरमेंट के बराबर नेटवर्थ हासिल करने के बाद 6 साल के भीतर या ऑपरेशन शुरू करने के बाद 10 साल के भीतर, जो भी अवधि पहले पूरी हो, स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को स्टॉक एक्सचेंज पर खुद को लिस्ट करना होगा।500 करोड़ की जगह 1,000 करोड़ रुपए की शुरुआती पूंजी पर मिले यूनिवर्सल बैंक का लाइसेंससमिति ने यूनिवर्सल बैंक के लाइसेंस के लिए न्यूनतम शुरुआती पूंजी को 500 करोड़ रुपए से दोगुना कर 1,000 करोड़ रुपए करने का सुझाव दिया। स्मॉल फाइनेंस बैंक के लिए इसे 200 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए करने का सुझाव दिया गया। IWG की सिफारिशों को RBI की वेबसाइट पर डाल दिया गया है। RBI इनकी समीक्षा करने के बाद फैसला लेगा।


Source: Dainik Bhaskar November 20, 2020 14:37 UTC



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