कोरोना प्रकोप के चलते शहर में लॉकडाउन चल रहा है। बस स्टैंड पर लोग भी कम पहुंच रहे है। इस दौरान यहां पर संचालित दीनदयाल रसोई में खाने के साथ-साथ बालूशाही और मठरी बनाकर उनके पैकेट पैक कर बाहर भेजे जा रहे हैं। बिना अनुमति के तैयार हो रहे इन पैकेटाें को लेकर जिम्मेदारों का कहना है कि हम तो पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों की मदद कर रहे हैं। जबकि पुलिस के जिम्मेदारों का कहना है कि अपने स्टाफ को इस दौर में सुरक्षित रखने के लिए हाइजेनिक खाना तैयार करने का काम टेस्ट आफ इंडिया नाम की फर्म को दिया है। वहीं से भोजन आ रहा है। दीनदयाल रसोई से कोई लेना देना नहीं है। नगर निगम के अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि पूरा मामला गड़बड़ है। इसकी जांच उपायुक्त देवेंद्र सिंह चौहान करेंगे।दीनदयाल रसोई का उद्देश्य गरीबों को पांच रुपए में भरपेट भोजन कराना है। इसे एक समाज की संस्था चलाती है। रसोई के लिए संस्था के लोग 90 क्विंटल गेंहू, 60 क्विंटल चावल एेसे समय भी ले रही थी। जब लॉकडाउन में 100-150 लोग ही यहां पहुंच रहे हैं। जबकि उक्त राशन 900-1000 लोगों के लिए रहता है। यहां के प्रभारी देवीसिंह राठौर ने फूड विभाग को 20 क्विंटल गेहूं और 10 क्विंटल चावल देने के लिए पत्र भेजा था। तब भी फूड विभाग के अफसरों ने पत्र पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।नगर निगम की तरफ से दीनदयाल रसोई के प्रभारी देवी सिंह राठौर इस मामले को सामने लाए। इसके लिए उन्होंने पत्र लिखा और वरिष्ठ अधिकारियों को बताया कि रसोई में बिना अनुमति के मिठाइयां बनकर बाहर जा रही हैं। निगम के अधिकारियों ने राज खोलने वाले को ही पद से हटा दिया। इनके साथ उपायुक्त डाॅ.अतिबल सिंह यादव को भी हटा दिया गया है।दीनदयाल रसोई में नाश्ते के पैकेट बनाते संस्था के पदाधिकारी।
Source: Dainik Bhaskar April 07, 2020 01:41 UTC