बर्फीली हवा से कपास व मक्का की फसल खराब - News Summed Up

बर्फीली हवा से कपास व मक्का की फसल खराब


पिछले कुछ दिनों से मौसम में हुए बदलाव का असर फसलों पर भी अब नजर आ रहा हैं। बर्फीली सर्द हवा के कारण मक्का, कपास के साथ साथ सब्जियां पूरी तरह से नष्ट हाे रही हैंञ आंबापुरा तहसील के 20 से अधिक गांवों में किसानों की फसलों पर संकट खड़ा कर दिया हैं। यहां पर पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बर्फीली हवा चलने से किसानों की मक्का, कपास, गेंहूू, सब्जियों में बैंगन, टमाटर, मिर्ची जैसी अनेक पैदावार खराब हो रही है। इन फसलों में फफूंद जैसा रोग लग रहा है। ऐसे में कहीं कहीं तो मक्का के पूरे के पूरे खेत चौपट हो गए।हालांकि कृषि विभाग के अधिकारी ठंड से फसल खराब होने से नकार रहे हैं। किसान हजारों रुपए खर्च कर फसल बोता है, ऐसे में इस बर्फीली ठंड में खराब होने से चिंता बढ़ जाती है। फसलों व सब्जियों के महंगे दामों में बीज व खाद दवाइयां खरीदकर लाना, कड़ाके की ठंड में रात को पानी पिलाने के बाद भी पैदावार नहीं होती है। यहां के किसानों ने बताया कि कपास प्रति बीघा 20 से 25 हजार तक की पैदावार हो जाती है। वहीं उसी कपास के अंदर खाली जगह में मिर्ची, बैंगन टमाटर जैसी सब्जियां भी करते है। इसका अलग से फायदा होता है, इस बार कड़ाके की ठंड होने से यहां पूरी की फसल चौपट हो गई है। किसानों के अपनी फसल की पैदावार में मूल राशि भी वापस नहीं मिल पाएगी।किसानों की जुबानी : डेटकिया बड़ा के किसान पूंजालाल डिंडोर ने बताया कि करीब 10 बीघा की जमीन में कपास की फसल बोई थी, इस फसल में अब तक करीब 55 से 60 हजार का खर्चा हो चुका है। इसमें केवल एक बार ही कपास लिया है। इस बार फसल में मूल लागत भी वसूल नहीं होगी। भेरा डिंडोर बताते है कि उनके खेत मे पांच को मक्का बोई थी। अधिकांश भाग में मक्का का सूख गया है। नवाखेड़ा के कमलनाथ पारगी ने बताया कि करीब 4 से 5 बीघा जमीन में बोई मक्का की फसल पांच फीट से भी बड़ी होने के बाद खड़ी के खड़ी सूख गई। घर के पास आधा बीघा जमीन में सब्जियों में बैंगन, मिर्ची व टमाटर रोपे थे। वे भी पूरी तरह से सिकुड़ गए है।नवागांव. बर्फीली हवा से डेटकिया छोटा में कपास की फसल हुई चौपट, जानकारी देता किसान पूंजालाल डिंडोर।आंबापुरा तहसील के देवगढ़, बदरेल, केसरपुरा आंबापुरा, नवाखेड़ा, बोरखाबर, खेड़ावड़लीपाड़ा, महेशपुरा, नलदा, वीरपुर, झरनिया व बोरिया ग्राम पंचायतों के कई गांवों के किसानों की फसलों को नुकसान हुआ। इस क्षेत्र में अधिकांश भाग में किसान इस सीजन में कपास की पैदावार करते हैं।-भूरालाल पाटीदार, सहायक निदेशक कृषि विस्तार अधिकारी


Source: Dainik Bhaskar January 09, 2019 00:33 UTC



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