पॉल्यूशन कंट्रोल: प्रदूषण नियंत्रित मॉनिटरिंग के लिए वॉर रूम शुरू, 10 सदस्यीय टीम रखेगी नजर - News Summed Up

पॉल्यूशन कंट्रोल: प्रदूषण नियंत्रित मॉनिटरिंग के लिए वॉर रूम शुरू, 10 सदस्यीय टीम रखेगी नजर


Hindi NewsLocalDelhi ncrWar Room Starts For Pollution Controlled Monitoring, 10 member Team Will Keep An Eyeपॉल्यूशन कंट्रोल: प्रदूषण नियंत्रित मॉनिटरिंग के लिए वॉर रूम शुरू, 10 सदस्यीय टीम रखेगी नजरनई दिल्ली 11 घंटे पहलेकॉपी लिंकपर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सचिवालय में किया शुभारंभराजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने किए जा रहे उपायों पर केन्द्रीयकृत वॉर रूम से नजर रखी जाएगी। गुरुवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वॉर रूप का दिल्ली सचिवालय के 7वें तल पर उद्घाटन किया। इस अवसर पर मंत्री ने कहा क वॉर रूम से हॉटस्पॉट, रियल टाइम मॉनिटर में पीएम-10, पीएम-2.5 समेत अन्य गैसों की स्थिति के साथ नासा व इसरो सैटेलाइट से दिल्ली और आसपास के राज्यों में पराली या कूड़ा जलाने की स्थिति पर निगरानी की जा सकेगी।राय ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 5 अक्टूबर को युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध अभियान की शुरुआत की की है। यह अभियान सभी के सहयोग के बिना सफल होना संभव नहीं है। दिल्ली के अंदर अलग-अलग एजेंसियां है, उन सभी लोगों को कोऑर्डिनेट करने के लिए एक केंद्रीयकृत वॉर रूम शुरू किया गया है।वॉर रूम के जरिए विभिन्न उपायों और समस्याओं की निगरानी रखने के लिए दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों डॉ. मोहन जॉर्ज और डॉ. बीएएल चावला के नेतृत्व में 10 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम बनाई गई है। जो सभी गतिविधियों पर नजर रखेंगी। सरकार की तरफ से प्रदूषण से संबंधित शिकायत के लिए लांच किए जाने वाले दिल्ली ग्रीन एप की शिकायत सीधे संबंधित एजेंसी को पहुंच जाएंगी। इन शिकायतों पर कार्रवाई के लिए समय तय किया गया है।ऐसे रखी जाएगी नजर- वॉर रूम में लगाई गई तीन स्क्रीनपहली स्क्रीन: इस पर दिल्ली सरकार के 40 रियल टाइम मॉनिटर है।, उनको विश्लेषण करने का काम करेंगे। इसमें पीएम-10, पीएम-2.5, सल्फर ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन और हवा की गति उस समय क्या है, इसकी निगरानी करने का काम किया जाएगा।दूसरी स्क्रीन- इस स्क्रीन पर दिल्ली के अंदर चिन्हित 13 हॉट-स्पॉट प्रदर्शित होंगे, जिसे वॉर रूम से मॉनिटर करने का काम करेंगे। वॉर रूम से हम देख पाएंगे कि हॉट-स्पॉट एरिया में क्या प्रगति चल रही है। और क्या-क्या समस्याएं आ रही हैं, जिनका समाधान करने के प्रयास करेंगे।तीसरी स्क्रीन- यहां पर नासा और इसरो की विंडो हैं। दोनों सैटेलाइट पर वॉर रूम से नजर रखी जाएगी कि इस समय देश के अंदर, खास तौर पर पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कहां पर कितना पराली या कूड़ा जलाया जा रहा है। सेटेलाइट के माध्यम से रिपोर्ट का विश्लेषण करने का काम करेंगे।


Source: Dainik Bhaskar October 08, 2020 23:48 UTC



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