Hindi NewsLocalRajasthanBikaner56 Waiting For The Ashes, The Dates Written On These Urns Of Their Immersion Are Of Death, The Biggest Question When Will The Date Of Salvation Comeकोरोना काल: 56 अस्थियाें को इंतजार अपने विसर्जन का इन कलशों पर लिखी तारीखें मौत की हैं,सबसे बड़ा सवाल-मोक्ष की तारीख कब आएगीबीकानेर 6 घंटे पहलेकॉपी लिंकहमारा मकसद किसी परिवार पर उंगली उठाना नहीं है। लेकिन, ये तस्वीर देखकर उन्हें फिर एक बार विचार करना चाहिएहम कहते हैं-अस्थियां ले जाओ, जवाब मिलता-अभी पूरा परिवार पॉजिटिवहमारा मकसद किसी परिवार पर उंगली उठाना नहीं है। लेकिन, ये तस्वीर देखकर उन्हें फिर एक बार विचार करना चाहिए। दरअसल बीकानेर स्थित परदेसियों की बगीची मुक्तिधाम में 56 अस्थि कलशों को मोक्ष का इंतजार है। इन अस्थियों में कोरोना से जान गंवाने वाले भी हैं।मार्च से अब तक यहां 117 लोगों की अंत्येष्टि हो चुकी है, लेकिन 56 अस्थियों का विसर्जन नहीं हो सका है। मुक्तिधाम समिति सचिव दीपक गौड़ का कहना है कि हम कई बार अस्थियां ले जाने के लिए रिश्तेदारों को फोन करते हैं, लेकिन कोई न कोई कारण बताकर टाल देते हैं।हम कहते हैं-अस्थियां ले जाओ, जवाब मिलता-अभी पूरा परिवार पॉजिटिवमुक्तिधाम समिति से सचिव दीपक मृतकों के रिश्तेदारों को अस्थियां ले जाने के लिए फोन करते हैं तो अलग-अलग जवाब मिलता। कोई कहता, अभी कोरोना काल खत्म नहीं हुआ है, कोरोना काल खत्म होने के बाद अस्थियां विसर्जित करेंगे। किसी का जवाब होता है, अभी घर में सभी पाॅजिटिव आए हैं, बाद में लेंगे। कई आर्थिक हालात पर रोते हैं। उनका कहना होता है, अभी टैक्सी या बस से हरिद्वार जा सकने की स्थिति नहीं है। ट्रेनें चलने दो, फिर जाएंगे। कई लोग रिश्तेदारों के बाहर से आने पर पाबंदी सरीखी बातें कहते हैं।मुक्तिधाम समिति 2 साल तक अस्थियां ले जाने के लिए परिजनों का इंतजार करती है। इसके बाद उन अस्थियों का सामूहिक विसर्जन करते हैं। यहां एक साल से पिछले महीने तक की अस्थियां पड़ी हैं। 2 साल का समय निकलने पर शहर के अलग-अलग मुक्तिधाम से पता कर सभी अस्थियों को एकसाथ विसर्जन करने भेजते हैं। एक बार में 30-40 अस्थियों का हरिद्वार में विसर्जन करने ले जाते हैं।
Source: Dainik Bhaskar October 08, 2020 23:47 UTC