पिंजरे और जंजीरों में कैद बचपन: सीरिया के शरणार्थी शिविर में 6 साल की नहला भूखी थी, खाने की जल्दबाजी में दम घुटने से हुई मौत - News Summed Up

पिंजरे और जंजीरों में कैद बचपन: सीरिया के शरणार्थी शिविर में 6 साल की नहला भूखी थी, खाने की जल्दबाजी में दम घुटने से हुई मौत


Hindi NewsInternational6 year old Nahla Starved In Syrian Refugee Camp, Died Of Suffocation In A Hurry To EatAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपपिंजरे और जंजीरों में कैद बचपन: सीरिया के शरणार्थी शिविर में 6 साल की नहला भूखी थी, खाने की जल्दबाजी में दम घुटने से हुई मौतलेबनान 9 घंटे पहले लेखक: ह्वैदा सादकॉपी लिंक6 साल की नहला अल ओथमान की मरने से कुछ महीने पहले यह तस्वीर ली गई थी।नहला अल ओथमान, जंजीरों में जकड़ी दिख रही 6 साल की इस बच्ची का यही नाम है। वह कुपोषण का शिकार थी। जल्दी-जल्दी खाने के दौरान गला चोक हो जाने की वजह से उसकी मौत हुई। बहुत छोटे से जीवन में नहला ने बहुत संघर्ष देखा और सहा। युद्ध के चलते राहत कैंपों में आए सीरियाई लोगों से भरे एक कैंप में वह अपने पिता के साथ रहती थी। सीरिया के रिफ्यूजी कैंप में पिता उसे दिन में अक्सर बांध कर रखते थे, ताकि वह कहीं भटक न जाए। रात में भी उसे एक पिंजरे नुमा बिस्तर मिलता।कैंप सुपरवाइजर हिशाम अली उमर बताते हैं, ‘हमने कई बार बच्ची के पिता से उसे जंजीरों से मुक्त करने और पिंजरे में न रखने के लिए कहा लेकिन वह हमेशा मना कर देता था। इसी महीने जल्दी खाने के दौरान दम घुटने से उसकी मौत हो गई।’ नहला की जब जंजीरों में जकड़ी तस्वीर बाहर आई थी, तो हंगामा मच गया और सीरिया के उत्तर में स्थित शिविरों में रह रहे लाखों लोग कितनी मुश्किल में है, इस तस्वीर के जरिए ही दुनिया ने देखा था। उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया था।नहला अपने परिवार के साथ उत्तर पश्चिमी सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले हिस्से में स्थित फरजल्लाह शिविर में रहती थी। वहां लोग बम-गोली के डर में रहते हैं। खासकर बच्चों के लिए इन कैंपों में स्थितियां लगातार मुश्किल होती जा रही हैं। कई-कई दिनों तक इन कैंपों में खाना नहीं मिलता, जिससे कुपोषण की दर बढ़ती जा रही है। नहला भी उसी का शिकार हुई।


Source: Dainik Bhaskar June 01, 2021 02:26 UTC



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