हामिद निहाल अंसारी अफगानिस्तान के रास्ते नकली पहचान पत्र के जरिए पाक में दाखिल हुए थेहामिद की फेसबुक पर पाकिस्तानी लड़की से दोस्ती हुई थी, उसी ने दिया था नकली पहचान पत्रDainik Bhaskar Dec 19, 2018, 01:13 PM ISTनई दिल्ली. पाकिस्तान की जेल में 6 साल कैद रहे हामिद निहाल अंसारी (33) ने बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। इस दौरान वे भावुक हो गए। हामिद के साथ उनके माता-पिता भी थे। उन्होंने बेटे की वतन वापसी के लिए विदेश मंत्री का शुक्रिया जताया। मंगलवार को हामिद को वाघा बॉर्डर से लाने के लिए माता-पिता और भाई पहुंचे थे।हामिद पाकिस्तानी लड़की से फेसबुक के जरिए हुई मोहब्बत के बाद अवैध रूप से सरहद पार करके पाकिस्तान पहुंचे थे। उन्हें 2012 में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान सैन्य अदालत ने फर्जी पाकिस्तानी पहचान पत्र रखने के आरोप में 15 दिसंबर 2015 को हामिद को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी।#WATCH Indian National Hamid Ansari who came to India after being released from a Pakistan jail yesterday, meets External Affairs Minister Sushma Swaraj in Delhi. His mother tells EAM "Mera Bharat mahaan, meri madam mahaan, sab madam ne hi kiya hai." pic.twitter.com/FQEzz99Ohm — ANI (@ANI) December 19, 2018पाक में गर्लफ्रेंड ने रुकने का इंतजाम किया थाकाबुल से नौकरी का ऑफर आने की बात कहकर हामिद नवंबर 2012 में मुंबई से अफगानिस्तान गया था। इसके बाद वह फर्जी पहचान पत्र दिखाकर पाकिस्तान पहुंचा और एक लॉज में रुका। उसकी गर्लफ्रेंड ने ही उसके रुकने का इंतजाम किया था। 12 नवंबर को भारतीय जासूस होने के आरोप में हामिद को इसी लॉज से गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि फर्जी पहचान पत्र उन्हें पाकिस्तानी गर्लफ्रेंड ने ही भेजा था।हाईकोर्ट ने भी खारिज की थी याचिकासेना की कोर्ट के फैसले के खिलाफ हामिद ने वहां की हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद को बेकसूर बताया था। अगस्त 2018 में कोर्ट ने हामिद की याचिका खारिज कर दी थी। दरअसल, गृह मंत्रालय ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि उन्हें 15 दिसंबर को रिहा कर दिया जाएगा।परिवार को बेटे के लिए बेचना पड़ा मकानहामिद का परिवार वर्सोवा मेट्रो स्टेशन के पास रहता है। हामिद के माता-पिता को बेटे को बचाने की कोशिशें करते हुए अपना पुश्तैनी घर बेचकर दिल्ली आना पड़ा ताकि वे हर हफ्ते पाकिस्तानी उच्चायोग जाकर बेटे के केस के लिए गुहार लगा सकें। पिता ने बैंक की नौकरी भी छोड़ दी थी।
Source: Dainik Bhaskar December 19, 2018 06:51 UTC