[आलोक रंजन]। मनमोहक आबोहवा, हर तरफ फैली इलायची की सुगंध और आपके हाथ में हो गर्म कॉफी का कप। बैठ जाइए यहीं कहीं किसी टीले के पास और निहारिए डूबते सूरज और उसके नारंगी सौंदर्य को, आत्मसात कर लीजिए कुदरत के ऐसे ही कुछ बेहतरीन लम्हों को वेगामन हिल स्टेशन में। दरअसल, पश्चिमी घाट की पहाड़ियों का बड़ा हिस्सा केरल में पड़ता है। इन पहाड़ियों से लिपटी सड़क क्रमश: ऊपर की ओर जाती है और कुदरती सौंदर्य को कई बार निहार आती है। आप इसके किसी भी हिस्से में घूम आइए, यह आपको आनंदविभोर कर देगा।इडुक्की जिले में एक से बढ़कर एक हिल स्टेशन मौजूद हैं, पर वेगामन उन सबसे अलग है। इसकी खूबसूरती बिखरी है उन छोटी-छोटी पहाड़ियों पर पसरी हुई हरी घास की चादरों पर। पहाड़ियों के बच्चों की तरह लगते दूर-दूर तक फैले टीलों पर बिछी घास की चादर इसे स्कॉटलैंड जैसी खूबसूरत छवि प्रदान करती है। समुद्र तल से बारह सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान अपने इन टीलों के कारण ही विश्वप्रसिद्ध है।आध्यात्मिक शांति मिलती है यहांवेगामन आना इन पहाड़ियों में घिरी शांत दुनिया को महसूस करना है। ये पहाड़ियां केरल राज्य के प्रचलित और प्रसिद्ध सौंदर्य से अलग अनुभव देती हैं, पर ऊंचाई पर स्थित होने के कारण इसका सौंदर्य और इसकी स्थिति लगभग अछूती ही रहती है। कह सकते हैं कि यह स्थान आध्यात्मिक शांति के लिए आदर्श स्थान उपलब्ध कराता है। शांत वातावरण, मलय पर्वत की ठंडी-ठंडी हवा और नीचे घाटी की विस्तृत दुनिया। मेडिटेशन करना चाहते हैं तो इससे सुंदर जगह नहीं मिलेगी। यहां के रास्ते दिलफरेब हैं। वेगामन पहुंचने का रास्ता मंत्र- मुग्ध करने वाला है, जहां आपको कुदरत के कई रूपों के दर्शन होने लगते हैं। नीचे विषुवतीय वर्षा वन के सदाबहार पेड़ों का साम्राज्य है, फिर एक खास ऊंचाई के बाद हरियाली का स्वरूप बदलने लगता है। पेड़ों की आकृतियां छोटी होने लगती हैं और घास का हिस्सा बढ़ता नजर आने लगता है।हरी-ऊंची घास की चादरऊंची-ऊंची घास के बीच से गुजरती सड़क आपको हर पल एक नया रोमांचक अनुभव कराती नजर आएगी। बाद में सड़क उस ऊंचाई तक भी पहुंच जाती है, जहां घास जमीन पर बिछी हरी चादर में तब्दील होकर आसपास के वातावरण को सर्वथा नवीन प्राकृतिक छटा से सुशोभित करने लगती है। समुद्र तल से 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थल अपने सुहाने और खुशनुमा मौसम में जो दृश्य पेश करता है, वह अपने आप में अनूठा है। दक्षिण भारत की गहन यात्रा करने वाले सैलानी जानते हैं कि इस तरह का सौंदर्य किसी स्थान पर होना कितना अलग होता है। दक्षिण ही क्यों, समूचे भारत में ऐसे स्थान बहुत ही कम हैं, जो प्राकृतिक सौंदर्य का अलग मानक स्थापित करते हों।मलयाली और तमिल संस्कृति का अनूठा संगमयह एक छोटा सा प्लांटेशन टाउन भी है, जहां चाय, कॉफी और इलायची की खेती होती है। वाल्टर डंकन ऐंड कंपनी ने यहां चाय बागानों की शुरुआत की थी। दूर-दूर तक गहरे हरे रंग की मोटी चादर के बीच चाय की पत्तियां चुनने वाले कामगारों को देखें तो वह उस हरी दुनिया में जीती-जागती पेंटिंग के समान लगते हैं।चाय और कॉफी के बागानों में काम करने वाले लोग पड़ोसी राज्य तमिलनाडु से यहां लाकर बसाए गए हैं। इसलिए तमिलनाडु के प्रभाव में यहां की स्थानीयता थोड़ी अलग है। इसमें मलयालम के साथ तमिल भाषा और संस्कृति का अद्भुत मेल भी दिखायी देता है। राजनीतिक रूप से केरल का हिस्सा होने के बावजूद भाषा और संस्कृति के मामले में यह तमिलनाडु से काफी मिलता-जुलता है। यह मेल इस स्थान को अलग तरह से प्रभावित करता है। आपको यह भी बता दें कि यहां चाय के साथ-साथ इलायची की भी खेती होती है। केरल के स्थानीय लोग यहां इलायची की खेती करते हैं। इलायची की फसल तैयार होने के मौसम के दौरान वेगामन में घूमना और यहां रहना सौंदर्य के सुगंधित रूप से साक्षात्कार करने के समान होता है। फिर आप इस खुशबू को ताउम्र संजोए रहते हैं।पहाड़ियों से घिरी अनछुई दुनियायह हिल स्टेशन तीन पहाड़ियों की एक शृंखला है। तंगल, मुरुगन और कुरिसमला की पहाड़ियों की यह शृंखला एक विस्तृत क्षेत्र में फैले सौंदर्य का अनुपम अनुभव प्रदान करती है।लेमन ग्रास के बीच ट्रेकिंगट्रेकिंग के शौकीनों के लिए यह एक आदर्श जगह है। ऊंचे-ऊंचे लेमन ग्रास के बीच बने पतले-पतले कच्चे रास्तों के सहारे नीचे से ऊपर तक पहाड़ नाप डालना ट्रेकिंग के शौकीन लोगों को खूब आकर्षित करता है। दरअसल, ट्रेकिंग करने वाले देसीविदेशी सैलानी यहां हरी, मखमली घास के सौंदर्य को आत्मसात करने के लिए भी आते हैं।कमी नहीं है नजारों की मरमला झरनामधुर आवाज में ऊंचाई से गिरता पानी किसे आकर्षित नहीं करता। मरमला झरना भी मंत्रमुग्ध कर देता है। हालांकि ऊपर से गिरते पानी की गति और गहराई बहुत ज्यादा होने के कारण आप झरने के पानी में नहीं उतर सकते। ऐसा करना यहां प्रतिबंधित है। वेगामन से इराटुपेटा के रास्ते पर यह झरना स्थित है। इस तक पहुंचने का रास्ता वाहनों के अनुकूल नहीं है। आप यहां ट्रेकिंग के सहारे पहुंच सकते हैं। इस रास्ते पर ट्रेकिंग का अनुभव अनूठा होता है। बरसात के मौसम में तो हर जगह से झरते पानी के बीच मरमला झरने की गरजती ध्वनि अलग से पहचानी जा सकती है। आसपास फैली हरियाली और उनके बीच कूदते-फांदते खरगोश और उड़ते पक्षी ट्रेकिंग के दौरान अलग ही रोमांच प्रदान करते हैं। जब झरना करीब आता है तो नई दुनिया खुलती है। काफी ऊंचाई से गिरते पानी की तेज गति उत्साह और रोमांच का चरम आनंद प्रदान करती है।तंगलपारा पहाड़ीवेगामन की पहाड़ियों की शृंखला में इस पहाड़ी पर एक बड़ी चट्टान बड़े ही चमत्कारी ढंग से अपने को संतुलित किए हुए है। इस पहाड़ी की चोटी पर आप ट्रेकिंग के जरिए ही जा सकते हैं। वहां पहुंचकर आप इस दुनिया को एक्सप्लोर कर सकते हैं। तंगल पारा इसमें रहस्यमय आयाम भी जोड़ता है। माना जाता है कि इस स्थान पर अफगानी सूफी संत हजरत शेख फरीदुद्दीन बाबा भी आए थे। 800 ईस्वी की इस घटना से रिश्ता जोड़ते हुए मुस्लिम समुदाय द्वारा यहां पर एक छोटी-सी मस्जिद भी बनवाई गई है, जहां से आप
Source: Dainik Jagran June 13, 2019 07:57 UTC