नई दिल्ली[ जागरण स्पेशल]। कर्नाटक में साल 2006 में आई मॉनेटरी एडवायजरी (आइएमए) नाम से एक इस्लामिक बैंक और हलाल निवेशक कंपनी का आफिस खोला गया। आईएमए ने अपने यहां निवेश करने वालों को 14 से 18 फीसदी प्रति माह के बीच ब्याज देने का वायदा किया। धीरे-धीरे लोग जुड़ने शुरु हुए, कंपनी में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ने लगी। जैसे-जैसे समय बीतता गया लोगों को निवेश पर ब्याज की रकम मिलती रही। लोग खुद ही एक दूसरे से चर्चा करके उन्हें इससे जोड़ते रहे। बैंक का खजाना बढ़ता रहा। अब 13 साल के बाद बीते कुछ दिनों से इस बैंक के दरवाजे बंद है और यहां निवेश करने वाले अब थाने और पुलिस अधिकारियों के आफिसों के चक्कर काट रहे हैं। वहां सैकड़ों लोग रोजाना अपनी अप्लीकेशन लेकर पहुंच रहे हैं और अधिकारियों को इस बात के सबूत दे रहे हैं कि उन्होंने इतने पैसे इस बैंक में निवेश कर रखे थे। उनको वो पैसे वापस दिलाए जाएं। पुलिस के पास अब तक इस तरह की लगभग 8000 शिकायतें आ चुकी है, किसी में 10 लाख निवेश किए जाने के सबूत दिए जा रहे हैं तो किसी में 2 से 3 करोड़ रुपये के। कुछ लोगों ने बैंक में गोल्ड भी गिरवी रखा था, बैंक बंद हो जाने के बाद अब उनके माथे पर चिंता की गहरी लकीरें हैं। सब अपने-अपने स्तर से इस बैंक से पैसा निकालने के लिए प्रयास कर रहे हैं।शरिया कानून का हवाला देकर बढ़ाया निवेशआईएमए ने उन्हें 'हलाल' निवेश विकल्प की पेशकश की। शरिया कानून के अनुसार इस्लाम में किसी भी जमा पर ब्याज का पैसा नहीं इस्तेमाल किया जाता। उसे गरीबों में दान कर दिया जाता है। आईएमए के मंसूर खान ने इसका फायदा उठाया, उसने समाज के लोगों से कहा कि वो शरिया कानून के तहत उनकी कंपनी में निवेश कर सकते हैं। जो निवेश करेगा उसको ब्याज नहीं दिया जाएगा बल्कि कंपनी को जो लाभ होगा उसका एक निश्चित प्रतिशत उन्हें मिलेगा। ऐसी बातें होने पर निवेशकों की संख्या में इजाफा हो गया। जो लोग शरिया कानून का पालन करते हैं और मानते हैं कि वे बैंकों में पैसा जमा नहीं करते हैं। 'हलाल' विकल्प को उस राशि के रूप में माना जाता है जिसे इस्लामिक कानून के तहत स्वीकार की गई वस्तुओं के व्यापार में निवेश किया जा सकता है और निवेशकों के साथ लाभ साझा किया जाता है। इस प्रकार, यहां शिकायतकर्ता निजी कंपनी के शेयरधारक बन गए जो इसका लाभ साझा करेंगे। कुछ निवेशक ऐसे भी थे जिन्होंने उनके 'मौलवी' के कहने पर यहां निवेश किया था।आईएमए का इतिहासआईएमए का ऑफिस बंगलूरू के शिवाजी नगर में स्थित है। आईएमए ग्रुप के एकमात्र मालिक मोहम्मद मंसूर ख़ान हैं। मंसूर खान ने 2006 में आई मॉनेटरी एडवायजरी नाम से एक इस्लामिक बैंक और हलाल निवेशक कंपनी को शुरू किया था। आईएमए ने 14 से 18 फीसदी प्रति माह के बीच निवेश पर ब्याज देने की बात भी कही थी। बेंगलुरू में लेडी कर्ज़न रोड पर स्थित आईएमए गोल्ड के कार्यालय के सामने भी लोग रोजाना पहुंच रहे हैं। आई मॉनेटरी एडवाइज़री कंपनी बंद है। ये चिटफ़ंड कंपनी बुनियादी ढांचा, गोल्ड, फ़िक्स डिपॉज़िट, रियल इस्टेट, फ़ार्मास्युटिकल्स आदि में अपने पैसे लगाती थी। पुलिस ने बताया कि कंपनी एक दशक से ज़्यादा समय से इस शहर में कारोबार कर रही है लेकिन उसके ख़िलाफ़ पहले एक भी शिकायत दर्ज नहीं थी। आईएमए का ऑफिस बंगलूरू के शिवाजी नगर में स्थित है। सोमवार से इस ऑफिस के बाहर हजारों निवेशक जमा हो रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।कंपनी एक दशक से कारोबार मेंआईएमए कंपनी बीते एक दशक से अधिक समय से इस कारोबार में है, इस वजह से इस पर अधिक लोगों का विश्वास भी जम गया था। इसी विश्वास की वजह से लोग इसके साथ जुड़ते गए। अब इस कंपनी के आफिस पर ताला लग गया है।लोकसभा चुनाव के बाद से खराब होने लगे हालातजानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आ जाने के बाद से ही इस कंपनी के हालात खराब होने लगे थे। कुछ निवेश करने वाले जब यहां पर अपना पैसा वापस लेने के लिए पहुंचे तो उनको बताया गया कि वो पैसे ना निकालें, चुनाव के बाद हालात ठीक हो जाएंगे फिर सभी को दिए गए समय के हिसाब से उनका ब्याज मिलने लगेगा। मगर ऐसा हुआ नहीं।आडियो क्लिप जारी कर दी सुसाइड की सूचना, नेताओं और अधिकारियों पर लगाए आरोपमंसूर खान ने ये ऑडियो क्लिप पुलिस कमिश्नर के नाम पर रिकॉर्ड की है। मंसूर ख़ान ने शहर के पुलिस कमिश्नर को संबोधित अपने ऑडियो क्लिप में दावा किया है कि अधिकारियों और शिवाजीनगर एमएलए की ओर से उसे परेशान किया जा रहा है इसलिए वो आत्महत्या कर लेंगे। ख़ान ने उन पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 400 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया है, क्योंकि कथित तौर पर उन्हें कांग्रेस पार्टी से टिकट मिलना तय था। क्लिप में उसने कहा है कि भ्रष्ट राजनेताओं और अधिकारियों को रिश्वत दे-देकर थक गया हूं। अब इनको और पैसे नहीं दे सकता। खान ने अपनी क्लिप में कांग्रेस के विधायक और वरिष्ठ नेता आर रोशन बेग पर आरोप लगाए हैं। खान का दावा है कि बेग ने उससे 400 करोड़ रुपये लिए थे और देने से इनकार कर रहे हैं। खान ने कहा कि उसकी जान को खतरा है। हालांकि बेग ने कहा कि उन्होंने फर्म के साथ कोई वित्तीय लेन-देन नहीं किया है, और उनको फंसाया जा रहा है। खान के बिल्डिंग प्रोजेक्ट में पार्टनर मोहम्मद खालिद अहमद ने उसके खिलाफ 1.3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने की एफआईआर दर्ज कराई है। इस एफआईआर के दर्ज होने के बाद ही यह ऑडियो क्लिप वायरल हो गई थी। कंपनी ने आम जनता खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं से दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम इकट्ठा कर ली थी। आईएमए फिलहाल सोने-चांदी की ट्रेडिंग, ज्वैलरी, फार्मेसी, रियल एस्टेट, एजुकेशन, हाइपर मार्केट, पब्लिशिंग और हेल्थकेयर सेक्टर में उपस्थिति है।तीन दिन में 8000 शिकायतेंइस कंपनी में कितने लोगों ने निवेश किया होगा इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र तीन दिन में पुलिस के पास 8000 शिकायतें पहुंच चुकी है, अब ये सभी पुलिस से अपना निवेश किया गया पैसा वापस दिलाने की गुहार लगा रहे हैं। इसी के सा
Source: Dainik Jagran June 13, 2019 07:55 UTC