पक्का आवास की आस: सवा लाख परिवारों के सर्वे का काम पूरा, जानिए सरकार का अगला कदमनई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली सरकार के निर्देश पर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआइबी) ने गरीबों को पक्का आवास मुहैया कराने के लिए सर्वे का काम तेज कर दिया है। अब तक 270 झुग्गी बस्तियों में रहने वाले सवा लाख परिवारों का सर्वे हो चुका है। उन्हें दिल्ली सरकार की ओर से जल्द सर्वेक्षण प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।675 बस्तियों में चल रहा सर्वे का काममुख्यमंत्री आवास योजना (एमएमएवाइ) के तहत 675 झुग्गी बस्तियों में सर्वे का काम चल रहा है, जिससे यह पता चलेगा कि इनके लिए कितने आवास की आवश्यकता है। झुग्गी समूहों के पुनर्वास के लिए यह अनिवार्य प्रक्रिया है। इसके आधार पर ही पात्र लोगों का चयन होगा।प्रत्येक परिवार को मिलेगा प्रमाण पत्रदिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि आप सरकार झुग्गी में रहने वाले प्रत्येक परिवार को सर्वेक्षण प्रमाण पत्र जारी करेगी। इसमें परिवार की तस्वीर के साथ स्थान व झुग्गी नंबर होगा। यह सर्वे आने वाले वर्षों में गरीबों के लिए घरों के निर्माण की मांग का आकलन करने में सरकार की मदद करेगा।इस कारण हो रहा सर्वेएप आधारित इस डिजिटल सर्वे में परिवार के सदस्यों के चित्रों के साथ-साथ व्यक्तिगत पहचान प्रमाण पत्र देने होंगे। आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, बिजली बिल आदि की फोटोकॉपी के साथ झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों के बारे में पूरी जानकारी मांगी गई है। इससे यह पता लगेगा कि परिवार कितने साल से झुग्गी-झोपड़ी में रह रहा है और घर में कितने लोग हैं।यह होगा फायदाइससे आवंटन प्रक्रिया के दौरान अनुचित दावों को रोकने में मदद मिलेगी। इस कार्य के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी की सेवा ली जा रही है। एप आधारित सर्वे के तहत डाटा ऑनलाइन एकत्र हो रहा है, जिसे अधिकारी ऑनलाइन सत्यापित कर सकते हैं। इससे सर्वे को त्रुटि मुक्त और फर्जीवाड़ा मुक्त बनाया जा रहा है।मिलेंगे पक्के फ्लैटयह है योजना मुख्यमंत्री आवास योजना-2015 के तहत पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को पक्के फ्लैट आवंटित किए जाएंगे। मौजूदा झुग्गी के पांच किलोमीटर के दायरे में पुनर्वास की योजना है। दिल्ली सरकार प्रमुख स्थानों पर 5500 नए फ्लैट बनाने की योजना पर काम कर रही है।दिल्ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्लिकअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
Source: Dainik Jagran October 09, 2019 14:46 UTC