Dainik Bhaskar May 28, 2019, 11:50 AM ISTएम्सटर्डम जाने वाली कई एयरलाइंस ने किराया सस्ता किया, सुंदरता और सुविधाएं मिलने के चलते लाखों पर्यटक पहुंचते हैंपिछले साल एम्सटर्डम 1.8 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे, 2030 तक इनकी संख्या 4 करोड़ से ज्यादा होने की संभावनाएम्सटर्डम की मौजूदा आबादी महज 8 लाखएम्सटर्डम. नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम की सुंदरता, छोटे-छोटे घर और चौड़ी नहरें लोगों को काफी पसंद है। लिहाजा यहां हर साल लाखों लोग घूमने आते हैं। पर्यटकों की बढ़ती संख्या के चलते शहर में रहने वाले लोग परेशान हो चुके हैं। अब सरकार ने नीदरलैंड को पर्यटक देश बताने वाले विज्ञापन पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है।एम्सटर्डम में रहने वाले लोग खुद पर्यटकों से अपील करने लगे हैं कि वे उनके देश न आकर कहीं और जाएं। इसकी वजह यह है कि एम्सटर्डम में काफी साइकिलें चलती हैं, इस वजह से वहां भीड़भाड़ वाला ट्रैफिक नहीं होता। इसका फायदा उठाकर पर्यटक सड़क को खेल का मैदान बना लेते हैं।‘हम वेनिस नहीं बनना चाहते’डच आर्किटेक्चरल फर्म ओएमए की पार्टनर एलन वान लून कहती हैं- हम पर खासा दबाव है। हम वेनिस नहीं बनना चाहते। दरअसल एम्सटर्डम को लोग काफी प्यार करते हैं और यहां घूमने आ जाते हैं। एलन यह भी कहती हैं कि टूरिज्म से नीदरलैंड को सालाना 91.5 बिलियन डॉलर (6 लाख करोड़ रु.) मिलते हैं लेकिन ज्यादा पर्यटकों से शहर की आत्मा मर रही है।इटली के वेनिस और यूरोप के दूसरे पर्यटक स्थलों की तरह एम्सटर्डम में लोग उमड़ने लगे हैं। इसकी वजह एयरलाइंस का एम्सटर्डम आने वाली फ्लाइट्स का कम किराया रखना है। एम्सटर्डम में पिछले साल एक करोड़ 80 लाख पर्यटक आए थे। 2030 तक ये संख्या 4 करोड़ 20 लाख पहुंचने की बात कही गई है। एम्सटर्डम की मौजूदा जनसंख्या 8.22 लाख है।डेस्टिनेशन प्रमोशन नहीं डेस्टिनेशन मैनेजमेंट पर जोरएम्सटर्डम प्रशासन ने इस साल की शुरुआत में पर्सपेक्टिव 2030 रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि सरकार का फोकस क्षेत्र को लोकप्रिय स्थान (डेस्टिनेशन प्रमोशन) बनाने की बजाय यहां का प्रबंधन (डेस्टिनेशन मैनेजमेंट) करने को लेकर है। डॉक्युमेंट में देश में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए रणनीति बताई गई है। इसके मुताबिक अगर टूरिस्टों को रोका नहीं गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। पिछले साल शहर के बीच स्थित एक आर्ट गैलरी के बाहर लिखा ‘आई एम्सटर्डम’ (2 मीटर ऊंचा) लिखा साइनबोर्ड हटाना पड़ा था क्योंकि पर्यटकों के लिए जगह कम पड़ रही थी।
Source: Dainik Bhaskar May 28, 2019 02:03 UTC