World Menstrual Hygiene Day 2019 : Not Maintaining Proper Hygiene During Menstruation Cause Diseases - पीरियड्स में सफाई का ध्यान न रखने पर बीमारियों का खतरा - News Summed Up

World Menstrual Hygiene Day 2019 : Not Maintaining Proper Hygiene During Menstruation Cause Diseases - पीरियड्स में सफाई का ध्यान न रखने पर बीमारियों का खतरा


Xमहिलाओं को मेन्स्ट्रुएशन यानी मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बरतने को लेकर जागरूक करने के मकसद से हर साल दुनियाभर में 28 मई को मेन्स्ट्रुअल हाइजीन डे यानी मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2014 में हुई थी। वैसे तो मेन्स्ट्रुएशन यानी पीरियड्स के दौरान सालों भर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो समर सीजन में गर्मी और पसीने की वजह से एक्सट्रा केयर की जरूरत होती है। लिहाजा इन बातों का ध्यान रखें...अगर आप पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं तो आपको उसे नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए। एक्सपर्ट्स की मानें तो हर 4 घंटे बाद पैड बदलना सही रहता है। अगर आप हर दिन ऐसा नहीं करना चाहतीं तो कम से कम पीरियड्स के शुरुआती 2 दिन जब खून का बहाव अधिक रहता है उस वक्त तो जरूर हर 4 घंटे में पैड बदलें।सैनिटरी नैपकिन्स और टैम्पोन्स की जगह फनल शेप्ड मेन्स्ट्रुअल कप्स का इस्तेमाल करें। ये कप्स सिलिकॉन के बने होते हैं और स्किन फ्रेंडली होने के साथ-साथ वातावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते।बहुत सी लड़कियां या महिलाएं जिन्हें पीरियड्स के दौरान हेवी ब्लड फ्लो महसूस होता है वे कपड़ों में दाग की टेंशन से बचने के लिए एक साथ 2 सैनिटरी पैड यूज करती हैं। ऐसा बिलकुल न करें। इससे वजाइना और आसपास के हिस्से में इंफेक्शन का खतरा रहता है। एक बार में 1 ही पैड यूज करें और फ्लो अधिक हो तो नियमित रूप से पैड चेंज करते रहें।पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो की वजह से वजाइनल एरिया में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। लिहाजा वजाइनल एरिया को अच्छी तरह से साफ रखें। इसके लिए गर्म पानी के साथ ही माइल्ड साबुन का भी इस्तेमाल करें।पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा टाइट थॉन्ग्स या पैंटी पहनना जो ऐसे फैब्रिक से बना हो जो ब्रिदेबल न हो उससे इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। लिहाजा पीरियड्स के दौरान साफ और कंफर्टेबल कॉटन अंडरवेअर पहनें जो आपके स्किन से बहुत ज्यादा न चिपके। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि गर्मियों में पसीना ज्यादा निकलता है। ऐसे में कपड़े जितने टाइट होंगे इंफेक्शन का खतरा उतना ज्यादा होगा।मेन्स्ट्रूअल साइकल, महीना, मासिक धर्म , पीरियड्स... यह लड़कियों में होने वाली सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। यह उतना ही कुदरती है, जितना कि नाक का बहना। आपको बता दें कि भारत की करीब 35 करोड़ 50 लाख महिलाएं मेन्स्ट्रुएट करती हैं। बावजूद इसके सेक्स की ही तरह मेन्स्ट्रुएशन भी एक ऐसा टॉपिक है जिसे आज भी टैबू समझा जाता है और इसके बारे में बात नहीं की जाती। यही वजह है कि नियमित रूप से हर महीने पीरियड्स का सामना करने के बावजूद ज्यादातर महिलाएं इसके बारे में बेहद कम जानती हैं।मेन्स्ट्रुएशन से गुजर रही महिलाओं को पर्सनल हाइजीन का बहुत ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान अगर साफ-सफाई और स्वच्छता में जरा सी भी लापरवाही की जाए तो जानलेवा बीमारियों का खतरा रहता है...मेन्स्ट्रुएशन के दौरान अगर हाइजीन का ध्यान न रखा जाए तो स्किन इरिटेशन हो सकता है जिससे dermatitis हो सकता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें स्किन में सूजन आ जाती है, स्किन लाल हो जाती है और कई बार फोड़े और फुंसियां भी हो जाती हैं।अगर यूरेथ्रा में बैक्टीरिया का प्रवेश हो जाए तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी यूटीआई का खतरा रहता है। यह एक जानलेवा बीमारी है क्योंकि अगर यूटीआई का समय रहते इलाज न किया जाए तो यह किडनी को भी डैमेज कर सकती है।हानिकारक बैक्टीरिया तेजी से बढ़ने लग जाए तो इससे भी जेनिटल ट्रैक्ट के हिस्से में इंफेक्शन का खतरा रहता है और इससे भी वजाइना को नुकसान हो सकता है।यूटीआई और रिप्रॉडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन की वजह से सर्वाइकल कैंसर का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। यह यूट्रस के मुंह पर होने वाले सर्विक्स का कैंसर होता है जो एचपीवी वायरस की वजह से होता है।मासिक धर्म यानी पीरियड्स के दौरान सफाई न बरतने की वजह से महिलाओं में बांझपन का भी खतरा रहता है।


Source: Navbharat Times May 28, 2019 02:00 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...

                           
/* -------------------------- overlay advertisemnt -------------------------- */