दिल्ली, बिहार और पश्चिम बंगाल में भी स्कूलों में मध्याह्न भोजन परोसना चाहता है अक्षय पात्र - News Summed Up

दिल्ली, बिहार और पश्चिम बंगाल में भी स्कूलों में मध्याह्न भोजन परोसना चाहता है अक्षय पात्र


दिल्ली, बिहार और पश्चिम बंगाल में भी स्कूलों में मध्याह्न भोजन परोसना चाहता है अक्षय पात्रनई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में अक्षय पात्र फाउंडेशन की तीन अरबवीं थाली परोसे जाने के बाद अब इस संस्था की नजर 'पांच अरबवीं' थाली पर है। संस्था ने इस लक्ष्य को वर्ष 2021 तक हासिल करने की योजना तैयार की है। इसके लिए संगठन का उत्तर प्रदेश में व्यापक स्तर पर विस्तार किया जाएगा। बेंगलुरु स्थित गैर-सरकारी संगठन अक्षय पात्र ने कहा कि वह दिल्ली, बिहार और पश्चिम बंगाल में भी स्कूली बच्चों तक पहुंच बढ़ाना चाहता है। वर्ष 2000 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक संस्था इन प्रदेशों में नहीं पहुंच पाई है।फाउंडेशन के अध्यक्ष मधु पंडित दासा ने कहा कि अक्षय पात्र दुनिया का सबसे बड़ा (गैर-लाभकारी) मध्याह्न भोजन कार्यक्रम है, जिसमें देश भर के 12 राज्यों के 42 स्थानों पर स्थित 14,702 स्कूलों में 17.6 लाख बच्चों को हर स्कूली दिवस पर संपूर्ण भोजन दिया जाता है।संस्था ने 2021 तक पांच अरबवीं थाली परोसने का लक्ष्य निर्धारित कियादासा ने कहा, 'हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि हमारे इस कार्यक्रम के तहत तीन अरबवीं थाली में बच्चे को वृंदावन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भोजन परोसा गया। हम इस सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं और अब हमने 2021 तक पांच अरबवीं थाली परोसने का लक्ष्य रखा है।'वृंदावन में हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान तीन अरबवीं थाली परोसे जाने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश से भूख मिटाने के लिए इस गैर-सरकारी संगठन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की थी और इस मुकाम को 'एक उल्लेखनीय उपलब्धि' करार दिया था।दासा ने कहा, 'शुरुआत में महज 1500 बच्चों से लेकर अब 17 लाख बच्चों को भोजन कराने तक, हम देश के आगे बढ़ने में योगदान के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अब अपना दायरा पूरे भारत में बढ़ाते हुए उन जगहों में प्रवेश की कोशिश कर रहे हैं, जहां अभी नहीं पहुंचे हैं।'उन्होंने कहा कि 22 रसोईघर निर्माणाधीन हैं और अक्षय पात्र दिल्ली में भी अपनी सेवा शुरू करना चाहता है, जहां दो रसोईघर पहले ही बनाए जा चुके हैं।Posted By: Bhupendra Singh


Source: Dainik Jagran February 17, 2019 14:37 UTC



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