पीटीआई, नई दिल्ली। रेलवे हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के विकास के लिए तीन स्वर्णिम चतुर्भुज मार्गों, दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-चेन्नई पर व्यवहार्यता अध्ययन कर रहा है। रेलवे ने दिल्ली-वाराणसी, दिल्ली-अहमदाबाद, दिल्ली-चंडीगढ़-अमृतसर समेत सात मार्गों पर हाई स्पीड रेल (एचएसआर) कॉरिडोर बनाने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है।एचएसआर परियोजना को मंजूरीरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने द्रमुक सांसद पी. विल्सन के सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन में बताया कि किसी भी एचएसआर कारिडोर अथवा परियोजना को मंजूरी देने का निर्णय डीपीआर के नतीजों, तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता और वित्तपोषण जैसे घटकों पर निर्भर है।एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि सरकार ने अब तक जापान सरकार के तकनीकी और वित्तीय सहयोग से मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना नामक एचएसआर परियोजना को मंजूरी दी है।फोग प्रोटोकाल से प्रभावित होती है ट्रेनों की निर्धारित समय सारिणीकोहरे का मौसम ट्रेनों के सामान्य परिचालन को प्रभावित करता है और ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के लिए लागू किए जाने वाले फोग प्रोटोकाल से कभी-कभी निर्धारित समय-सारिणी प्रभावित होती है।रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद राम नाथ ठाकुर के सवाल के जवाब में बताया कि कोहरे के मौसम में ट्रेन परिचालन में लोको पायलट की मदद करने के लिए जीपीएस आधारित फोग सेफ डिवाइस का प्रयोग किया जाता है।कैग की चेतावनी के बाद चार ट्रैक निगरानी मशीनें शुरू कींकैग रिपोर्ट में कमी उजागर होने के बाद ट्रेन ट्रैक मापदंडों की जांच में मदद करने वाली चार नई ट्रैक रिकार्डिंग कारें (टीआरसी) चालू की गई हैं। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन के सवाल के जवाब में वैष्णव ने बताया कि टीआरसी की अनुपलब्धता में ट्रैक की निगरानी के लिए वैकल्पिक साधन जैसे कंपन निगरानी प्रणाली (ओएमएस) का उपयोग किया जाता है।
Source: Dainik Jagran February 09, 2024 18:41 UTC