जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने गुरुवार देर रात को कार्रवाई करते हुए एक पुलिस कांस्टेबल को छह हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा कांस्टेबल के कब्जे से एसीबी ने 1.46 लाख रुपए की रकम भी बरामद की है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, रिश्वत की यह रकम अवैध बजरी खनन व परिवहन करने वाले ट्रक चालकों से कांस्टेबल ने पीपलू थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह गिल के कहने पर ली गई।एएसपी विजय कुमार ने बताया कि गिरफ्तार कांस्टेबल कैलाश जाट है। वह पीपलू थाना, जिला टोंक में पदस्थापित है। जबकि फरार थानाप्रभारी विजेंद्र सिंह गिल है। एसीबी को शिकायत मिली थी कि पीपलू थानाप्रभारी के ईशारे पर अवैध बजरी खनन माफिया से मोटी रकम वसूली जा रही है।तब आईजी दिनेश एमएन के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन करवाया गया।इसके बाद मुख्यालय से एएसपी देशराज यादव के नेतृत्व में टीम टोंक भेजी गई। जहां एएसपी विजय सिंह की टीम के साथ मिलकर गुरुवार देर रात को एसीबी ने पीपलू थाना क्षेत्र में नानेर मोड़ के पास कांस्टेबल कैलाश जाट को छह हजार रुपए की रिश्वत के साथ पकड़ा।उसकी कार की तलाशी में 1 लाख 46 हजार रुपए की नकदी मिली। एएसपी विजय सिंह ने बताया कि एसीबी ने मौके पर से ही कैलाश की बात थानाप्रभारी विजेंद्र सिंह गिल से करवाई। तब वह उसने रिश्वत की रकम लेकर अपने क्वार्टर पर बुलाया। तब कांस्टेबल कैलाश को लेकर एसीबी टीम थानाप्रभारी विजेंद्र के क्वार्टर के लिए रवाना हुई।इसी बीच थानाप्रभारी विजेंद्र गिल को एसीबी ट्रेप का पता चला। वह अपने क्वार्टर से फरार हो गया। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि अवैध बजरी का परिवहन करवाया जाता है थानाप्रभारी और उसक स्टॉफ के द्वारा अवैध बजरी से भरे प्रत्येक ट्रक व ट्रेलर से 3 हजार रुपए वसूली एंट्री फीस के नाम पर वसूली जाती थी।प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि विजेंद्र सिंह गिल ने कांस्टेबल कैलाशचंद जाट को नियुक्त कर रखा था। वह रातभर सिर्फ वसूली का काम करता था। इसके बाद वसूली की रकम थानाप्रभारी को देता था। रुपए वसूली के लिए कांस्टेबल कैलाश जाट अपनी प्राइवेट कार से जाता था।
Source: Dainik Bhaskar May 17, 2019 09:15 UTC