टीम इंडिया के पूर्व कोच गायकवाड़ बोले- लार के इस्तेमाल पर बैन क्रिकेट को 50-60 साल पीछे ले जाएगा, 5 रन की पेनल्टी बहुत कम - Dainik Bhaskar - News Summed Up

टीम इंडिया के पूर्व कोच गायकवाड़ बोले- लार के इस्तेमाल पर बैन क्रिकेट को 50-60 साल पीछे ले जाएगा, 5 रन की पेनल्टी बहुत कम - Dainik Bhaskar


अंशुमन गायकवाड़ ने कहा- आईसीसी का यह फैसला सही है, क्योंकि सेफ्टी पहले और क्रिकेट बाद में आता हैउन्होंने कहा कि अगर लार का इस्तेमाल बैन किया गया है तो गेंदबाजों को इसका सख्ती से पालन करना होगामनन वाया Jun 11, 2020, 08:51 AM IST Jun 11, 2020, 08:51 AM ISTआईसीसी ने कोरोना का जोखिम कम करने के लिए लार के इस्तेमाल पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है। नए नियम के तहत फील्डिंग कर रही टीम अगर गेंद चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करती है तो उसे दो बार वॉर्निंग दी जाएगी। अगर इसके बाद भी ऐसा होता है तो फील्डिंग करने वाली टीम पर 5 रन की पेनल्टी लगेगी।हमारे सहयोगी दिव्य भास्कर ने इस मामले में भारतीय क्रिकेट के टीम के पूर्व हेड कोच अंशुमन गायकवाड़ से बात की। उन्होंने बताया कि आईसीसी ने यह फैसला खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए लिया है। हालांकि, इससे क्रिकेट 50-60 साल पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि 5 रन की पेनल्टी बहुत कम है।हम 60 और 70 के दशक में लौट जाएंगे: गायकवाड़गायकवाड़ बताते हैं कि सेफ्टी पहले और क्रिकेट बाद में है। आईसीसी ने जो फैसला लिया, वह सही है। ऐसा कहना कि इस वजह से बल्लेबाज को फायदा होगा, यह गलत है। जब हम खेलते थे, तब हमारे पास आज जैसी गेंद नहीं होती थी, जिस पर लार का इस्तेमाल करने से चमक आ जाए। 5-6 ओवर के बाद गेंद रफ हो जाती थी। उसी बॉल से हम गेंदबाजी करते और विकेट लेते थे। उस समय बॉल पर चमक वापस लाने का सवाल ही नहीं था। विकेट लेने के और भी कई तरीके थे। नए बदलाव के बाद क्रिकेट में 60-70 का दशक लौट आएगा।'बल्ले में भी स्प्रिंग लगाने दो’वे कहते हैं कि गेंद चमकाने के लिए वैक्स या आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल से गेंदबाज को और ऐसा नहीं होने पर बल्लेबाज को फायदा होगा। यह बहस पूरी तरह गलत है। हमारे समय में भी क्रिकेट खेला जाता था। तब सिर्फ स्पिनर नहीं, तेज गेंदबाज भी विकेट लेते थे। आप अगर गेंदबाज को मदद कर रहे हैं तो फिर बल्लेबाज को भी बल्ले में स्प्रिंग डालने की मंजूरी देनी चाहिए।‘पसीने से भी गेंद रिवर्स होगी’गायकवाड़ बताते हैं कि आप पसीने से भी रिवर्स स्विंग कर सकते हो। एक साइड पसीने का इस्तेमाल करो और दूसरी साइड रफ होने दो तो रिवर्स स्विंग मिलेगी। उन्होंने 1977-78 में पाकिस्तान टूर का किस्सा सुनाते हुए कहा कि उस दौरे पर हमने पहली बार रिवर्स स्विंग देखा।तब सरफराज नवाज ने इसकी शुरुआत की थी। तब गेंद आज जैसी नहीं होती थी। वह ड्रिंक्स ब्रेक के टाइम कोल्ड ड्रिंक की बोतल के ढक्कन से गेंद की एक साइड को इतना रफ करता कि लेदर कट जाता और दूसरी तरफ पसीना लगाता। हम हैरान थे कि आखिर कैसे 35-40 ओवर के बाद ही गेंद रिवर्स स्विंग हो रही है। हमें बाद में मालूम चला कि वह ऐसा करता था। आप पसीने से गेंद को रिवर्स कर सकते हो, इसमें कोई शक नहीं है।‘इंग्लैंड-न्यूजीलैंड जैसे देशों में बॉलर को फायदा मिलता है’टीम इंडिया के हेड कोच रहे गायकवाड़ बताते हैं कि इंग्लैंड-न्यूजीलैंड में इतनी आसानी से पसीना नहीं निकलता, लेकिन वहां की हवा और तापमान ऐसा है कि तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है।2 बार चेतावनी देना ठीक हैगायकवाड़ के मुताबिक, नए नियमों के तहत गेंद पर लार लगाने पर अंपायर दो बार चेतावनी देंगे। यह बात सही है कि क्रिकेटरों की सालों पुरानी आदत एकदम दूर नहीं होगी। अब तो ग्राउंड पर थूकने पर भी बैन है। ऐसा कोई खिलाड़ी जानबूझकर नहीं करता, बल्कि उसे आदत हो जाती है। इसलिए दो बार वॉर्निंग देना ठीक है।5 रन की पेनल्टी बहुत कम हैवे कहते हैं कि बॉल पर लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने का कारण खिलाड़ियों की सुरक्षा है। आप गेंद पर एक बार लार का इस्तेमाल करो या कई बार। इससे फर्क नहीं पड़ता।जिस वजह से यह नियम लागू किया गया, वह पूरा होना जरूरी है। 5 रन की पेनल्टी से समस्या का हल नहीं होता। जब तक बॉलर खुद यह नहीं समझे कि मुझे मुंह को हाथ से नहीं छूना है, तब तक यह सुधार नहीं होगा।


Source: Dainik Bhaskar June 11, 2020 00:22 UTC



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