जीवन दर्शन: क्षमा करें और भूल जाएं - News Summed Up

जीवन दर्शन: क्षमा करें और भूल जाएं


नई दिल्ली, संत राजिन्दर सिंह (आध्यात्मिक गुरु); जीवन में हमें कई बार चुनौतियों और निराशाओं का सामना करना पड़ता है। जीवन में हमारा किसी न किसी ऐसी घटना से साक्षात्कार होता है, जो हमें पसंद नहीं होती या जिसके कारण हमें दुख होता है। जैसे किसी व्यक्ति ने हमारा किसी तरह अनुचित किया हो, शब्दों से हमें भावनात्मक रूप से दुख पहुंचाया हो या शारीरिक कष्ट पहुंचाया हो। परिणाम यह होता है कि हम निराश, दुखी और क्रोधित हो जाते हैं। जब तक हम किसी को क्षमा नहीं करते, तब तक हमारे साथ क्या होता है? हम हमेशा उसी घटना के बारे में सोचते रहते हैं या किसी और से भी उन बातों को दोहराते रहते हैं। कुछ लोग जिनका स्वयं पर नियंत्रण नहीं होता, वे शारीरिक रूप से उस व्यक्ति को हानि पहुंचाते हैं या अपना क्रोध किसी और पर निकालते हैं। ऐसा होने पर हम अपने चारों ओर नकारात्मक वातावरण पैदा कर लेते हैं। अपने मन की शांति खो देते हैं।कुछ क्षणों में घटित हुई घटना के लिए हम अपने जीवन के तमाम घंटे इस बात में लगा देते हैं कि उसका बदला कैसे लें। यदि हम इसके बजाय क्षमा कर दें तो हम इस समय का शांतिपूर्वक सदुपयोग कर सकते हैं। हम अपना ध्यान उस ओर लगाएं, जो आध्यात्मिक रूप से मददगार हो। जैसे कि पिता-परमेश्वर को याद करना, ध्यान-अभ्यास करना, निष्काम सेवा करना और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करना। आध्यात्मिक मार्ग पर ध्यान-अभ्यास में सफलता अपने मन को स्थिर करके अंतर में ध्यान टिकाने पर निर्भर है। हमारे ध्यान-अभ्यास में जो सबसे बड़ी बाधा है, वह है ऐसा कुछ होना जो हम नहीं चाहते और जिसे हम भुला नहीं पाते। हम मात्र एक ऐसी वीडियो रिकार्डिंग की तरह बन जाते हैं जो बार-बार वही दृश्य दिखाता है। हममें से ऐसे कितने लोग हैं, जो एक बुरी फिल्म को बार-बार देखना चाहेंगे, ऐसा गाना सुनना चाहेंगे जो हम सुनना पसंद नहीं करते या ऐसा भोजन करना चाहेंगे, जो हमें पसंद नहीं। इन सबसे बचने के लिए हम अपने लिए एक ऐसा रास्ता चुन सकते हैं, जो चिंता और तनाव से रहित हो। एक ही रास्ता है, अपने अंदर ऐसा सोच रखना कि क्षमा करो और भूल जाओ।जब हम अंदर से अपने प्रति दुर्भावना रखने वालों या दुख देने वाले लोगों को क्षमा करते हैं और उनके द्वारा किए गए कार्यों को भूल जाते हैं या और यह भावना रखते हैं कि उसने मेरे साथ जो भी किया, मैंने उसे माफ कर दिया और मैं वह सब भूल जाना चाहता हूं तो हम अपने अंदर असीम शांति का अनुभव करेंगे। यदि हम क्षमा के गुण को अपने जीवन में ढालेंगे तो हम देखेंगे कि हम अपने शरीर को क्रोध से उत्पन्न हानि से बचा सकते हैं, जिससे हम तनाव संबंधी तकलीफों में भी कमी पाएंगे। आइए क्षमा करने और भूल जाने की भावना के लिए खुद को समर्पित करें। यदि हम क्षमा करने की कला सीखने के लिए साहसी और हिम्मत रखने वाले हैं तो हम अपना ध्यान उन लक्ष्यों पर लगाएं जो हमें पिता-परमेश्वर से मिलाएंगे। यदि हम अपने मन को शांत करेंगे, तभी हम ध्यान-अभ्यास में उन्नति कर सकते हैं और पिता-परमेश्वर में लीन हो सकते हैं।


Source: Dainik Jagran May 21, 2023 22:48 UTC



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