कार्लसन को महज 18 साल की उम्र में क्लासिकल चेस में हराने वाले प्रज्ञानानंदा सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टरों में से एक हैं. वहीं इस जीत के बाद ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंदा को सोशल मीडिया पर बधाई मिल रही हैं और लोग उनकी इस उपलब्धि की तारीफ कर रहे हैं. Advertisementसोशल मीडिया साइट एक्स पर चेस.कॉम ने प्रज्ञानानंदा को लेकर लिखा,"भारतीय शतरंज के लिए बड़ा दिन. प्रज्ञानानंदा ने मैग्नस के विरुद्ध अपनी पहली क्लासिकल जीत हासिल की, जबकि वैशाली महिला वर्ग का नेतृत्व करती है - और यह गुकेश का 18वां जन्मदिन है." यह ऐतिहासिक जीत प्राग की क्लासिकल शतरंज में कार्लसन के खिलाफ पहली जीत है.
Source: NDTV May 30, 2024 17:44 UTC