एकता यात्रा का नेतृत्व अनुभवी भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने किया था, जबकि नरेंद्र मोदी, जो उस समय बीजेपी के एक सधारण कार्यकर्ता थे, ने मार्च के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाई थी. यात्रा का लक्ष्य दुनिया को यह कड़ा संदेश देना था कि भारत आतंकी ताकतों के खिलाफ मजबूती से और एकजुट होकर खड़ा रहेगा. 14 राज्यों में फैली इस यात्रा ने लोगों को काफी प्रभावित किया था और राष्ट्रीय एकता के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाया था. Advertisementअब लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के चुनाव अभियान की समाप्ति के साथ पीएम मोदी की कन्याकुमारी यात्रा और पीएम मोदी का विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में ध्यान करने के कार्यक्रम के बीच इस 33 साल पुरानी तस्वीर को सोशल मीडिया पर आप वायरल होते देख सकते हैं. हालांकि पीएम मोदी की इस यात्रा के कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिलते ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल ने इस पर सियासत तेज कर दी है.
Source: NDTV May 30, 2024 17:32 UTC