जागरण संवाददाता, शिमला। (Himachal Political Crisis) यह पहली बार नहीं जब हिमाचल में पहली बार राज्यसभा चुनाव के लिए इतनी मशक्कतें हुईं। साल 2000 के राज्यसभा चुनाव में भी क्रॉस वोटिंग हुई थी। उस चुनाव में कृपाल परमार भाजपा के प्रत्याशी थे।काली भेड़ों की दी थी संज्ञाकांग्रेस के दो विधायकों ने कृपाल परमार को मत दिया था। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह (Former CM Veerbhadra Singh) ने ऐसे विधायकों को काली भेड़ों की संज्ञा दी थी। कई बार इस शब्द का प्रयोग किया। इस बार भी शुरू से ही राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग को लेकर कयास लगाए जो रहे थे।बैकफुट लाने में नहीं छोड़ेगी कोई कसरभाजपा राज्यसभा चुनाव से उत्साहित होकर अविश्वास प्रस्ताव से लेकर सरकार को बैकफुट में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। कांग्रेस आगे अपने वित्तीय बिल को लेकर ज्यादा सचेत रहेगी। इसके लिए भी सभी विधायकों को व्हिप जारी किया जा सकता है कि जब इसके लिए मत की गणना हो तो उन्हें सदन की भीतर ही मौजूद रहना होगा।यह भी पढ़ें- Himachal Political crisis: 'हम बीजेपी के साथ हैं....', सुक्खू सरकार के खिलाफ कांग्रेस विधायकों के सुर तेज
Source: Dainik Jagran February 28, 2024 08:02 UTC