बरेली (ब्यूरो)। शहर से निकलने वाले कचरा से खाद बनाई जा सके, इसके लिए स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत ऑर्गेनिक कंपोस्टर मंगाए गए थे। आर्गेनिक कंपोस्टर को मंगाने के बाद एक दो बार प्रयोग तो किया गया, लेकिन उसके बाद इन कंपोस्टर को गांधी उद्यान पार्क में खड़ा कर दिया गया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने स्मार्ट सिटी की पड़ताल के तहत हकीकत की पड़ताल की तो ऐसा लग रहा था जैसे कंपोस्टर का यूज ही काफी समय से नहीं किया गया।करनी थी इनकमस्मार्ट सिटी के तहत मंगाए गए ऑर्गेनिक कंपोस्टर्स से पेड़ों के पत्तों, कचरा आदि को कंपोस्ट करे खाद बनाना था ताकि शहर को कचरा से छुटकारा मिल सके। इसके साथ ही कंपोस्टर से बनाई गई खाद को बेच कर उससे इनकम भी की जा सके। शुरुआत में तो इनको यूज किया गया, लेकिन अब इन्हें यूज ही नहीं किया जा रहा है। कंपोस्टर के चारो ओर बड़ी-बड़ी घास उगी हुई है।आर्गेनिक कंपोस्टर बनाता है खादऑर्गेनिक कंपोस्टर एक उपकरण है, जो जैविक अपशिष्टों को बिना जलाए उन्हें उपयुक्त कंपोस्ट बना देता है। यह कंपोस्टर विभिन्न तरीकों से जैविक सामग्री जैसे कचरा, किचन गार्बेज, पत्तियां, बगीचे के अपशिष्ट आदि को तोडक़र उन्हें कंपोस्ट बना देता है। ऑर्गेनिक कंपोस्टर जैविक अपशिष्टों को रिसाइकल कर खाद भी बना देता है। इससे पौधों और मृदा की उर्वरता बढ़ती है और भूमि के स्वास्थ्य को सुधारता है। ऑर्गेनिक कंपोस्टर एक पर्यावरण के लिए भी बेहतर है। जैविक अपशिष्टों का नियंत्रण करने में मदद करता है और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में भी सहायक होता है।स्मार्ट सिटी के तहत मंगाए गए कंपोस्टर का अगर यूज नहीं किया गया तो वह खड़े-खड़े खराब ही होंगे। इसलिए इनको यूज करना चाहिए।सत्येंद्रकंपोस्टर को अगर यूज किया जाएगा तो शहर में पेड़ों के पत्तों से फैलने वाले कचरा को भी उपयोगी बना कर उससे इनकम की जा सकती है।देवेंद्रकचरा अगर रोड पर बिखरेगा तो उससे शहर में भी गंदगी फैलेगी। इससे अच्छा है कि कंपोस्टर से उसकी खाद बना ली जाए तो बेहतर रहेगा।फैजस्मार्ट सिटी के तहत जो कंपोस्टर मंगाए गए थे, उन्हें यूज किया जाता है ताकि कचरा से भी खाद बनाई जा सके। हालांकि अभी बारिश की वजह से जरूरत के हिसाब से ही उन्हें यूज किया जा रहा है।सुनील कुमार यादव, अपर नगर आयुक्त
Source: Dainik Jagran July 31, 2023 08:43 UTC