जगंली कुत्तों ने 58 भेड़ को काट खाया, 6 घायल: पटना के फुलवारीशरीफ में देर रात आवारा कुत्तों ने अहाते में बंधे भेड़ पर किया हमला; 58 की मौत - News Summed Up

जगंली कुत्तों ने 58 भेड़ को काट खाया, 6 घायल: पटना के फुलवारीशरीफ में देर रात आवारा कुत्तों ने अहाते में बंधे भेड़ पर किया हमला; 58 की मौत


Hindi NewsLocalBiharPatnaBihar News; Dogs Bitten 58 Sheep In One Night, All Died In Fulwarisharif, PatnaAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपजगंली कुत्तों ने 58 भेड़ को काट खाया, 6 घायल: पटना के फुलवारीशरीफ में देर रात आवारा कुत्तों ने अहाते में बंधे भेड़ पर किया हमला; 58 की मौतपटना 3 घंटे पहलेकॉपी लिंकअहाते में मरे पड़े भेड़।लोगों ने भेड़ के चीखने पर लाठी-डंडों से कुत्तों को खदेड़ागोविंदपुरा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू कीपटना के फुलवारीशरीफ के गोविंदपुरा गांव में देर रात जंगली कुत्तों ने अहाते में बंधे भेड़ पर हमला बोल दिया। आवारा कुत्तों ने 58 भेड़ को काट खाया, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। हमले में 6 भेड़ घायल हैं। भेड़ों के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर गांव वाले जग गए और कुत्तों को लाठी-डंडे से खदेड़कर भगाया। गांव के सुरेश पाल ने बताया कि शुक्रवार की रात लगभग 12 बजे जंगली कुत्तों का एक झुंड गोविंदपुरा गांव के एक अहाते में पहुंच गया। उस अहाते में 120 भेड़ बांधे गए थे। अचानक हुए हमले से भेड़ जबतक संभल पाते तब तक कुत्तों ने भेड़ों के बीच पहुंचकर काटना शुरू कर दिया। इस बीच भेड़ों ने चीख-पुकार मचानी शुरू कर दी । भेड़ों के चीख-पुकार से मेरी नींद खुली, जिसके बाद हमने किसी तरह से जंगली कुत्तों को भगाया। सुरेश पाल ने बताया कि उनके हाथों में 70 भेड़ बंधा था जिसमें कुत्तों ने 38 भेड़ को कुत्तों ने काट खाया। 6 भेड़ घायल अवस्था में हैं। वहीं, सुकू भगत ने बताया कि उनके 50 भेड़ थे, जिसमें कुत्तों ने 20 को कांटा जिससे उनकी मौत हो गई।सुरेश पाल ने बताया कि वे लोग गरेड़ी बिरादरी से आते हैं और उनका मुख्य पेशा भेड़ पालन है। उन्होंने बताया कि वह भेड़ के बच्चे को दूसरे राज्यों के व्यापारी से दिल्ली गुवाहाटी, कोलकाता सहित कई राज्यों के व्यापारी उनके यहां भेड़ के बच्चे को खरीदने आते हैं। वह इन बच्चों को विदेशों में भी भेजते हैं । सुक्कू भगत ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से भेड़ और उसकी दूध की मांग में काफी कमी आई है। उन्होंने बताया कि एक समय था जब भीड़ के उनसे कंबल और स्वेटर बनाने का काम किया जाता था । स्थिति बदलने के साथ ही ऊन की मांग दिन-प्रतिदिन घटती चली गई और उनका मुख्य पेशा अब भीड़ के बच्चों को दूसरे राज्यों और विदेशों में भेजने का ही रह गया है । उन्होंने बताया कि एक भेड़ की कीमत लगभग 6- 8 हजार रुपए है। इस हिसाब से 45 भेड़ों की कीमत लगभग 3 लाख से अधिक थी ।घटना की सूचना मिलते ही फुलवारीशरीफ प्रशासन गोविंदपुरा गांव पहुंची और मामले की छानबीन में जुट गई है । छानबीन कर रहे एक पदाधिकारी ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है और पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि भेड़ों की मौत कुत्ते के काटने से या फिर और किसी कारणों से हुई है। प्रथमदृष्ट्या यह प्रतीत होता है कि किसी जानवर के काटने से कुत्तों की मौत हुई है। फिलहाल प्रशासन पूरे मामले की छानबीन कर रही है। जंगली कुत्तों के आगमन से गांव के लोग दहशत में हैं और वह अपने जानवरों को और छोटे-छोटे बच्चों को सुरक्षित रहने रखने के प्रयास में जुट गए हैं । गांव के कुछ लोगों ने एक रणनीति बनाकर उन कुत्तों को सबक सिखाने के लिए नवयुवकों की टोली कुत्तों की तलाश में भेज रहे हैं।


Source: Dainik Bhaskar May 29, 2021 04:52 UTC



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