रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले की नए सिरे से जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन कर लिया गया है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में एसआईटी के गठन को मंजूरी दी गई थी। पुलिस अधिकारी एसआरपी कल्लूरी को एसआईटी का प्रमुख बनाया गया है। इनके निर्देशन में 12 सदस्यीय समिति इस घोटाले की जांच करेगी।टीम में इन्हें किया शामिलजांच समिति में नारायणपुर के एसपी आई कल्याण एलेसेला, ईओडब्ल्यू के एडिशनल एसपी मनोज खिलाड़ी, जशपुर की एडिशनल एसपी उनेजा खातून अंसारी, ईओडबल्यू के डीएसपी विश्वास चंद्राकर, इओडबल्यू के डीएसपी अनिल बख्शी को शामिल किया गया है। वहीं टीआई स्तर के अधिकारियों में सीआईडी के निरीक्षक एलएस कश्यप, एसीबी के निरीक्षक बृजेश तिवारी, एसीबी के निरीक्षक रामाकांत साहू , कांकेर के निरीक्षक मोतीलाल पटेल, ईओडबल्यू के निरीक्षक फरहान कुरैशी को टीम में शामिल हैं। इनके साथ ही विधि विशेषज्ञ के रूप में एनएन चतुर्वेदी को भी टीम में शामिल किया गया है। यह टीम तीन महीने में अपनी जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।क्या है नान घोटालाजब छत्तीसगढ़ में डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी, तब राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में 36,000 करोड़ रुपये का कथित घोटाला सामने आया था। यह मामला 2015 में सामने आया था जब छत्तीसगढ़ के एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा ने नागरिक आपूर्ति निगम के कुछ बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के विभिन्न् ठिकानों पर छापे मारे थे।छापेमारी में करोड़ों रुपये, डायरी, कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और हार्ड डिस्क जब्त की गई थी। इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के कई अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल भेज दिया गया था। इन पर आरोप है कि छत्तीसगढ़ में सरकार की ओर से चावल मिलों से लाखों क्विंटल घटिया चावल खरीदे गए और इसके लिए नेताओं और अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत दी गई थी।राशन वितरण के ट्रांसपोर्टेशन में भी बड़ा घोटाला हुआ था। कुल 27 लोगों के खिलाफ मामले में केस दर्ज हुआ था, लेकिन बाद में जांच बंद हो गई। इस मामले में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और उनके करीबियों पर भी आरोप लगाए हैं।Posted By: Bhupendra Singh
Source: Dainik Jagran January 08, 2019 12:22 UTC