चाइल्ड लेबर डिपार्टमेंट और एंटी वुमन क्राइम ब्रांच का संयुक्त ऑपरेशनबच्चों से सुबह 9 से रात 9 बजे तक 12 घंटे कराया जाता था कामDainik Bhaskar Jan 22, 2020, 02:22 PM ISTसूरत. चाइल्ड लेबर टास्क फोर्स ने छापा मारकर तीन कारखानों में मजदूरी करने वाले 29 बच्चों को मुक्त कराया। टास्क फोर्स की टीम ने दो दिनों तक कारखानों में रेकी करने के बाद कार्रवाई की। कारखानों से छुड़ाए गए बच्चों को बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है। चाइल्ड लेबर डिपार्टमेंट और एंटी वुमन क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन किया था।दो दिनों तक की थी रेकीचाइल्ड लेबर टास्क फोर्स की टीम ने भाठेना के लक्ष्मीनारायण इलाके में चल रहे एम्ब्रॉयडरी के तीन कारखानों में दो दिनों तक रेकी की थी। मंगलवार को टास्क फोर्स की टीम ने एम्ब्रॉयडरी कारखाने में छापा मारकर एक कारखाने से 14, दूसरे 13 और तीसरे से 2 बच्चों को छुड़ाया। सभी बच्चे एम्ब्रॉयडरी कारखाने में काम कर रहे थे।मामले की गुपचुप जांच कीचाइल्ड लेबर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर चंद्रशेखर ने बताया कि एम्ब्रॉयडरी कारखानों में बच्चों से काम करवाने की हमें खुफिया सूचना मिली थी। इसके बाद हमने मामले की गुपचुप जांच की। मंगलवार को हम टीम लेकर कारखाने में पहुंच गए और वहां काम करने वाले बच्चों को मुक्त कराया। सभी बच्चे बिहार के रहने वाले हैं।बच्चों से सुबह 9 से रात 9 बजे तक 12 घंटे कराया जाता था कामडायरेक्टर ने बताया कि छुड़ाए गए बच्चों की उम्र 8 से 14 साल के बीच है। एम्ब्रॉयडरी कारखाने में बच्चों से साड़ी फोल्डिंग का काम कराया जाता था। बच्चे सुबह 9:00 से रात 9:00 बजे यानी 12 घंटे तक कारखाने में काम करते थे। बच्चों को 12 घंटे तक काम करने के लिए अलग से कोई वेतन नहीं दिया जाता था। 12 घंटे तक काम करने की वजह से कई बच्चों की तबियत भी खराब हो गई थी।मकान किराए से देने वालों पर होगी कार्रवाईचाइल्ड विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार मकान को किराए पर देने वाले मालिक के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मालिकों को सख्त निर्देश दिया गया है कि मकान किराए पर देते समय इस बात का ध्यान रखें की कारखाने में कोई बाल मजदूर न हो। लेबर विभाग के डायरेक्टर चंद्रशेखर ने बताया कि एम्ब्रॉयडरी कारखाने के लिए मकान किराए पर देने वाले मालिक से पूछताछ की जाएगी।मुक्त कराए गए बच्चों को 3 से 8 हजार देते थे वेतनसूरत जिला चाइल्ड लेबर टास्क फोर्स की टीम ने उधना में जीवन ज्योत के पीछे स्थित लक्ष्मी नगर सोसायटी से 29 बाल मजदूरों को छुड़ाया। टास्क फोर्स ने मुमताज आलम के कारखाने से 2, मोहम्मद खलील के कारखाने से 4 बच्चे और 9 किशोर, मोहम्मद जैबुल के कारखाने से 3 बच्चे और 2 किशोर और तस्लीम सैफुल्ला के कारखाने से 3 बच्चे और 6 किशोरों को मुक्त कराया। इन बाल मजदूरों से जरदोशी और खाटलीवर्क का काम कराया जाता था और 3 से 8 हजार रुपए तनख्वाह दी जाती थी।राजस्थान पुलिस की कार्रवाई के बाद चाइल्ड विभाग सख्तपिछले दिनों राजस्थान पुलिस ने पूणा गांव इलाके में छापेमारी करके कारखानों में काम करने वाले 124 बाल मजदूरों को छुड़ाया था। इस बात को लेकर सूरत के चाइल्ड विभाग की बहुत किरकरी हुई थी। इस घटना से सीख लेते हुए सूरत चाइल्ड लेबर विभाग भी कार्रवाई करने में जुट गया है। लेबर विभाग अब तक 3 बार कार्रवाई कर चुका है।
Source: Dainik Bhaskar January 22, 2020 08:59 UTC